किस दुख के कारण 16 साल की करीना को भरी नदी में छलांग लगाने को मजबूर होना पड़ा?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सोलह साल की लड़की का नम था करीना यादव, लड़की बेहद भोली भाली सी। खूबसूरत मगर सांवली सी। घर से दूध का डिब्बा लेकर ग्राहको को दूध देने पास के कस्बे उसका बाजार के चलती है। इस दौरान वह दूध बांट कर करीब की कूड़ा नदी के पुल पर पहुंच कर नदी में छलांर लगा देती है। आखिर इस उम्र करीना को कौन सा दुख था कि वह जान देने पर तैयार हो गई। यह और बात है कि कुदरत को उसकी मौत मंजूर नहीं थी इसलिए नदी में नहा रहे दो बच्चों ने बड़ी हिम्मत व मेहनतत करके उसे बचा लिया। मगर उसने अपना दुख किसी से साझा न किया। अब पुलिस लड़की के पिता से बात करेगी और उसका दुख जानने का प्रयास करेंगे।
बताते हैं कि क्षेत्र के नौगढ़-गोरखपुर मार्ग पर उस्का बाजार कस्बे के निकट स्थित कूड़ा नदी के पुल से एक किशोरी ने सुबह छलांग लगा दी। पुलिस के मुताबिक घटना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर ताल नटवा गांव की 16 वर्षीया बालिका करीना यादव उसका बाजार कस्बे में साइकिल से दूध पहुंचाने आई थी। दूध देकर वह पीडब्ल्यूडी पुल पर पहुंची और साइकिल को किनारे खड़ी करने के बाद करीना ने नदी में छलांग लगा दी। इस वक्त नदी में पानी ज़्यादा है जिसे वह डूबने लगी। कस्बे के लोग बताते हैं कि नदी की तरफ आते समय उसकी आंखों में आंसू थे।
करीना के नदी में छलांग लगाने के दौरान संयोग से कूड़ा नदी में आजाद नगर वार्डं निवासी 14 वर्षीय राजा और 13 साल के अरुण कुमार नहा रहे थे। जैसे ही करीना नदी में कूदी, तुरंत दोनों किशोर गहरे पानी में डूब रही करीना के पास पहुंचे और उसे बरसात की तेज धारा के बावजूद बड़ी मेहनत से खींच कर नदी के किनारे बाहर लाये। तब तक वह बेहोश हो चुकी थी। लोगो ने उसको पेट के बल लिटाते हुए पेट दबा दबा कर से पानी निकाला तो उसको कुछ होश आया। दोनों बालकों ने बताया कि एक समय उनके खुद भी डूबने की नौबत आ गयी थीz मगर अपनी हिम्मतसे वे सफल हो गये।
सूचना पा कर मौके पहुंची पुलिस ने किशोरी को अपने साथ सीएचसी लाकर इलाज कराया। डॉ. प्रीति शुक्ला ने बताया कि करीना पुलिस के साथ आई थी। उसका इलाज किया गया और वह पुलिस के साथ चली गई। एसओ दिनेश कुमार सरोज ने बताया कि पूछताछ में करीना ने बताया कि उसने पारिवारिक कलह के कारण ऐसा कदम उठाया है। इस मामले में परिवार के लोगों से बात की जाएगी। आखिर करीना को कौन सा दुख था जिससे उसे जान देने के बारे में फैसला करना पड़ा। फिलहाल उसे बाल कल्याण समिति में भेज दिया गया है। इलाके में दोनों बालकों की जम कर सराहना की जा रही है।