प्रेमिका से मिलने गए युवक को पीट कर मौत की कगार पर पहुंचाया, लेकिन क्या लड़की निर्दोष थी?

June 4, 2021 12:21 PM0 commentsViews: 970
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लड़के को बुलाया था लड़की ने ही, मगर सभी लोग लड़के को ही दोषी ठहरा रहे, पुलिस भी सिर्फ लीपापोती कर रही

अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर।  प्रेमिका से प्रेमालाप करते पकड़े गये एक युवक की गत दिवस लड़की के परिजिनों ने जम कर पिटाई की जिसे वह गोरखपुर मेडिकल कालेज में मरने की कगार पर पहुंच गया है।  घटना चिल्हिाया थाना क्षेत्र की है। आम तौर से ऐसे मामलों में प्रेमी ही मारे जाते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ। अब यहां सवाल है कि क्या इस प्रकरण में दोष केवल लड़के का ही था, जिसे मौत के कगार पर पहुंचा दिया गया। क्या बराबर की दोषी लड़की के लिए उसके परिजनों ने किसी तरह के सामाजिक या अन्य किसी दंड की व्यवस्था की है?

खबर है कि गत दिवस चिल्हिया थाने से थोडी दूर स्थित एक गांव में ण्क युवक को एक लड़की के परिजनों द्धारा जम कर पीटा गया। पिटाई इतनी गंभीर थी कि घायल युवक को पहले सीएचसी शोहरतगढ़ के डाक्टर ने जिला अस्पताल रेफर किया फिर जिला अस्पताल के डाक्टरों ने उसकी हालत देख कर गोरखपुर मेउिकल कालेज रेफर कर दिया जहां उसकी हालत गभीर बनी हुई है।

बताया जाता है कि उक्त युवक का गांव की ही लड़की से काफी दिनें से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों के बारे में गांव में चर्चाएं होती होती थीं। लड़की के परिजन इसे पसंद नहीं करते थे, लेकिन वह अपनी लड़की को भी रोक नहीं पाते थे। ग्रामीणों के अनुसार एक दिन लड़की के बुलाने पर युवक उससे मिलने गया। वे दोनों आपत्तिजनक अवसथा में थे कि धर लिए गये। इसके बाद लड़की के परिजनों ने उनकी जम कर धुनाई की, लाठियों और डंडों से उसके शरीर की हडि्डयां चटका डालीं। इिसके बाद की कहनी ऊपर बयान की ही जा चुकी है।

अब यहां सवाल उठता है कि मामला दो तरफा प्रेम का था। अगर युवक ने छेडंडाड़ किया होता तब भी परिजनों का गुस्सा स्वाभाविक माना जाता, मगर लड़की ने खुद प्रेमी को मिलने के लिए बुलाया था। यह बात सबको मालूम थी। इसलिए लड़की के परिजनों के इस कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन पुलिस को देखिए, इस मामले में लड़की के परिजनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करना चाहिए मगर उसने यह करने के बजाए दोनों पक्षो से तहीर लेकर मामले की जांच की बात कर टालमटोल कर रही है।

 

 

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