बानगंगा का कहर, बैदौला-लखनापार बाँध टूटा, दर्जनों गाँव जलमग्न, मचा हाहाकार
— मौके पर सिंचाई विभाग के कर्मी जुटे, गैप को भरने की नाकाम कोशिश जारी
— अगर रैट होलों की मरम्मत की गई होती तो ग्रामीणों को ये आफत न झेलनी पड़ती
नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। ज़िले के चार बड़े बांधों में से एक लखनानापार- बैदौला तटबंध आज बानगंगा नदी के जल दबाव से टूट गया। इससे शोहरतगढ़ क्षेत्र के दर्जनों गाँव जलमग्न हो गए है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। बाँध की कटान और चढ़ने से रोकने के लिए सिंचाई विभाग का अमला मौके पर पहुंच गया है।
बताया जाता है कि बाँध में रैट होल होने से पानी का रिसाव सुबह से हो रहा था। लेकिन विभाग को परवाह् नहीं थी। जब की नदी के बढ़ाव पर होने के कारण इसकी निगरानी होनी चाहिए थी। इसी लापरवाही की वजह से आज अपरान्ह पौने चार बजे तटबंध टूट गया। बाँध टूटने से नदी का पानी तेजी से गाँव में घुस रहा है। लोग अपना सामान समेट रहे हैं, ताकि संकट बढ़ने पर पलायन किया जा सके। वहां मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि अगर मरम्मत समय से हो गयी होती तो ये हालात नहीं होते।
बैदौली के सुखराम ने बताया कि इस कटान से क्षेत्र के बैदौली समेत आकर, डफरा,मुनमुनवा, ब्रैनिया, अमहवा, नदवलिया आदि गाँवों में पानी घुस रहा है। अगर हालात पर काबू न पाया गया तो पचास गाँव खतरे से घिर जाएंगे। रफ़ी अहमद का कहना है कि अगर सिंचाई विभाग ने रैट होल और रेंन कट समय से भराया होता तो ये नौबत नहीं आती।
दूसरी तरफ सिंचाई निर्माण खंड के अफसर अपने कर्मियों को लेकर मौके पर पहुंच गए हैं। वह बालू, मिटटी भरी बोरियों से कटान की भयावहता कम करने के प्रयाद में लगे हैं। मौके पर समाजसेवी उमेश सिंह भी पहुंचे हुए हैं। विभाग के सूत्रों का कहना है कि कटान भर कर पानी रोक पाना असंभव है। बानगंगा खतरे की निशान के करीब है और पानी का वेग अधिक हैl