नावों की कमी को लेकर प्रशासन पर पर बिफरा विपक्ष, कहा- यह लापरवाही नहीं प्रशासनिक अपराध है
अजीत सिंह
सिद्दार्थनगर। ज़िले में भयानक सैलाब के बावजूद समय पूर्व नावों का इंतज़ाम नहीं किये जाने को लेकर विपक्षी नेताओं ने कड़ी नाराज़गी दिखाई है। उन्होंने प्रशासन की इस लापरवाही की निंदा तो की ही है, इसके लिए ज़िले के सांसद, विधायकों को भी आड़े हाथों लिया है। विपक्ष ने सरकारी लापरवाही को प्रशासनिक अपराध बताते हुए मामले की जाँच माँग की है।
सत्ता पक्ष जवाब दे- अरशद खुर्शीद
इटवा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी रहे अरशद खुर्शीद ने एक बयान में कहा है ज़िल प्रशासन ने लोगो को बचाने के लिए सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया है। इसके लिए उसकी जितनी भी निंदा की जाए, वो काम है उन्होंने सवाल उठाया है कि आखीर इस दौरान सत्ताधारी दल क्या कर रहा था। उनके सांसद और पांच विधायक ने बढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा क्यों नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री सिद्धार्थनगर आये तो सभी ने सीएम को प्रशासन की घोर लापरवाही से अवगत क्यों नहीं कराया। 700 गाँव बाढ़ से तबाह हैं और प्रशासन व् सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।
आखिर प्रशासन की नावें कहाँ है-इसरार अहमद
समाजसेवी और इंका नेता इसरार अहमद ने प्रशासन से पूछा है कि उसने बाहर से नावें क्यों नहीं मंगाई।प्रशासन का दावा है कि उसने ज़िले में 121 नावें लगा रखी है,मगर वे नावें कहाँ चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गाँव वालों की निजी नावों को अपनी नावबता कर प्रशासन लोगो को गुमराह कर रहा है।
उन्होंने कहा कि परसोहन बाँध टूटने से इटवा क्षेत्र के झकहिया इलाके में तबाही मव्ही हुई है। दो दर्जन गाँव पानी से घिरे हैं। उन्हें भोजन पानी की बेहद ज़रूरत है। प्रशासन ने गाँवों में पानी भिजवाने की बात कही तो, जो हवा हवाई साबित हुई।
नाकारापन की हदें टूट गई-अतहर अलीम
शोहरतगढ़ क्षेत्र की नेता और युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अतहर अलीम ने कहा है कि इस सैलाब में प्रशासन ने नकारेपन की सारी हदें तोड़ दी हैं। क्षेत्र में तौलिहवा, नाज़रगढ़वा, मटियार भुताहवा जैसे पचासों गाँव एक हफ्ते से पानी में घिरे हैं। कोई देखने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर नावें होती तो ज़िल के संपन्न किसान, नेता, व्यापारी टीम बना कर इन गावों में मदद पंहुचा सकते थे। अतीत में ऐसा होता भी रहा है, मगर वरिष्ठ अफसरों ने अपनी ज़िम्मीदारी नहीं निभाई।
अन्य नेता बोले
इसके अलावा ज़िले के सपा नेता अफसर रिज़वी, सत्या नन्द सिंह, कलांम सिद्दीकी,घिसियावन यादव, बसपा नेता सैयदा खातून ने, भी राहत बचाव ठीक न होने के लिए ज़िल के आला अफसरों को ज़िम्मेदार ठहराया है और इसे ठीक करने की मांग की है। इन सभी ने प्रशासन की लापरवाही को अपराध संज्ञा दी है।