मां-बाप की लापरवाही से तेरह साल की बालिका की करंट लगने से मौत
निजाम अंसाारी
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शाोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। माता-पिता की लापरवाही किस तरह कभी कभी बच्चों की मौत की वजह बन जाती है, इसका एक उदाहरण खुनुवा में हुई 13 साल की शैली की दर्दनाक मौत से पता चलता है। अगर उस बच्ची के माता-पिता अपने दायित्व के प्रति जरा भी गंभीर होते तो शैली जैसे बच्चों को असमय मौत का शिकार न होना पड़ता।
खुनुआ कस्बे में राकश जायसवाल का अच्छा खासा व्यवसाय है। लेकिन परिवार के पास गीजर की व्यवस्था नहीं है। घर के सारे सदस्य हीटर पर पानी गर्म कर प्रतिदिन स्नान करते हैं। दरअसल छोटे टाउन में हीटर का फायदा यह है कि बिजली का रेट फिक्स होने के कारण अतिरिक्त खर्च नहीं पड़ता है। यह एक तरह से बिजली चोरी ही है। राकेश जायसवाल इसी तरह राज हीटर से पानी गर्म कर नहा ते थे।
उनकी बेटी थी शैली जायसवाल। शैली भी माता पिता की देख देखी खुद भी हीटर से पानी गर्म कर नहाने लगी थी। शनिवार की सुबह वह पानी हीटर पर गर्म कर रही थी। पानी गर्म हुआ या नहीं, यह देखने के लिए उसने बर्तन में हाथ डाला। पानी में करंट उतरा हुआ था।जिससे उसे झटका लगा और वह वहीं गिर कर मर गई। इस प्रकार माता-पिता की गैरजिम्मेदारी का दर्द उस बच्ची को भोगना पड़ा।