डुमरियागंज में पुलिस की समझदारी से टकराव टला, बवालियों की साजिश नाकाम
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज नगर पंचायत के माली मैनहा गांव में बीती रात पुलिस की समझदारी से दो समुदायों के बीच संभावित टकराव की आशंका को समाप्त कर दिया गया। टकराव की आशंका का कारण लक्ष्मी जी की प्रतिमा विसर्जन में पथराव के कथित आरोप को लेकर हुआ। पुलिस अब घटना की असलियत और अफवाह फैलाने वाले तत्वों की छानबीन कर रही है। कस्बे का माहौल अब लगभग सामान्य है।
बताया जाता है कि सोमवार की रात मैनहा गांव से चार लक्ष्मी प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान एक डोले के आयोजक जोखू यादव ने आरोप लगाया की उनके डोले पर पत्थर फेके गये हैं। इसके बाद ग्रामीणों में रोष छा गया और लोग पथराव करने वाले की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। घटना की सूचना पाकर सीओ सहित थाने की पूरी फोर्स मौके पर पहुंच गई और लोगों को समझा बुझा कर किसी तरह प्रतिमा विसर्जन के लिए राजी कर लिया, मगर डुमरियागंज कस्बे के मंदिर तिराहे पर अचानक लोग धरने पर बैठ गये और पत्थर फेंकने वालों की गिरफतारी की मांग करने लगे। चारों तरफ अफरा तफरी फैल गई। लगभग एक घंटे तक रास्ता जाम रहने के दौरान एसडीएम संजीव दीक्षित और थानाध्यक्ष रमेश यादव ने काफी मानमनौवल तथा दोषियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर लोगों को राजी किया और विसर्जन सम्पन्न कराया।
इस बारे में ग्रामवासी और सामाजिक कार्यकर्ता घिसियावन यादव का कहना है कि न कोई पथराव हुआ न ही प्रतिमा के टूटने जैसी कोई अन्य कोई अप्रिय घटना हुई। सिर्फ एक पत्थर फेंके जाने की बात सामने आ रही है। वह भी किसने फेंका और किधर से फेंका, इसका कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। बस घटना स्थल के पास दूसरे समुदाय के मात्र दो तीन घर हैं। इसलिए उन्हीं पर आशंका व्यक्त कर मामले को तूल देने की कोशिश कतिपय लोगों ने किया। पुलिस भी मान रही है कि घटना के दौरान कोई पथराव नहीं हुआ, मगर वह घटना की छानबीन भी कर रही है।
अजीब घटनायें हो रहीं है मैनहा में
दरअसल माली मैनहा गांव का अतीत साम्प्रदायिक सदभाव वाला रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां माहौल बिगाड़ने की दृष्टि से अजीबो गरीब घटनायें होने लगी हैं। कभी यहां के गड्ढों में गोवंश के अवशेष मिलने की घटनायें होती हैं तो कभी अन्य कोई रहस्यमयी घटना हो जाती है। इस बार भी लक्ष्मी प्रतिमा पर पत्थर फेंकना भी रहस्यमय है। न तो पथराव करने वाले को किसी ने देखा न ही किसी पर पत्थर गिरे। बकौल घिसियावन यादव केवल एक महिला का कहना है कि उसे पत्थर लगा है। केवल इसी को सच मान कर किसी दूसरे समुदाय को दोषी ठहरा कर पथराव की अफवाह फैला देना उचित नही है। इस पूरे प्रकरण की गहन जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने घटना में पुलिस और प्रशासन की समझदारी की भी सराहना की है, अन्यथा कोई बड़ी घटना हो सकती थी।
एसडीएम व एएसपी ने क्या कहा
इस बारे में डुमरियागंज के एसडीएम संजीव दीक्षित का कहना है कि प्रमिता विसर्जन पक्ष की ओर से जो आरोप लगाये गये हैं उसकी सत्यता की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। घटना में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ ने कहा कि जुलूस के साथ पुलिस कर्मी भी थे। कोई पत्थरबाजी नहीं हुई। कुछ आसामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की अफवाह फैला दी है। ऐसे में पत्थर फेंकने और अफवाह फैलाने की घटना की गहराई से छानबीन की जायेगी।