लेखपाल परीक्षा को लेकर प्रशासन तनाव में, धारा 144 लगाया, परीक्षा रविवार को, इंतजाम जबरदस्त
अजीत सिंह
रविवार को दो पारियों में होने जा रही लेखपाल भर्ती परीक्षा के मद्देनजर जिले में धारा 144 लगा दी गई है। परीक्षा केन्द्र वाले टाउन में फोटोकॉपी की दुकानों को प्रशासन ने बंद करवा दिया है। मगर स्मार्ट फोन के दौर में फोटोकॉपी की दुकानों में किसकी दिलचस्पी होगी, यह प्रशासन ही जाने।
जिला प्रशासन के मुताबिक बेरोजगारी की मार झेल रहे नौजवानों की परीक्षा के लिए जिले में 12 सेंटर बनाये गये हैं। इनमें सिद्धार्थनगर मुख्यालय पर पांच, बांसी में चार, शोहरतगढ़ में दो और उसका बाजार में एक केंन्द्र बनाया गया है। इन केंन्द्रों पर दो पारियों में तकरीबन 10 हजार युवा अपना भाग्य आजमाएंगे। पहली पारी का इम्तहान सुबह साढ़े दस बजे और दूसरी का तीन बजे से होगा।
इस परीक्षा को कुशलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने बाकायद बैठक की है। जिसमें अफसरों को नकल विहीन परीक्षा के टिप्स दिये गये। डीएम डॉक्टर सुरेंद्र कुमार की अगुवाई में हुई इस बैठक में एसपी अजय कुमार साहनी, सीडीओ अखिलेश त्रिपाठी, बीएसए अजय सिंह और जिले के सभी एसडीएम समेत सभी जिम्मेदार अफसर हाजिर रहे।
गौरतलब है कि परीक्षा संपन्न करवाने की जिम्मेदारी बाहरी एजेंसी को दी गई है। सरकार के इतने बड़े अमले के बावजूद बाहरी को संस्था को इसकी जिम्मेदारी देना समझ से परे है। जब सारा काम प्रशासन को ही करना है तो एजेंसी को बीच में लाने का मतलब क्या है।
फोटो स्टेट की दुकानों पर प्रतिबंध क्यों?
लेखपाल भर्ती परीक्षा के दिन फोटोकॉपी की दुकान खोलने पर प्रतिबंध लगाने को प्रशासन का तुगलकी फरमान माना जा रहा है। इस बारे में कांग्रेस के नेता अतहर अलीम का कहना है कि अब जमाना बदल गया है। बाजार में र्स्माट फोन मौजूद है। इसलिए उन दुकानों को बंद करने से हालात पर फर्क नहीं पड़ेगा। उल्टे उस कस्बे के फोटोकॉपी के दुकानदार अपनी एक दिन की कमाई खो देंगे। अतहर अलीम ने फोटो कापी की दुकानों पर परीक्षा के दिन लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है।
11:59 AM
Mr. Ajay Singh ji for your kind information agency only liable for the preparing papers, examination and result but for the fair exam it is the responsibility of the district authorities so please don,t give wrong information to reader it is a way of working of the authorities.
Aur aap bhi jaante hain ki agar ye exam agency ko na dekar local authority to de diya jaata to kaisa exam hota, kitne imaandaar log hai humaari local authority mein. aur rahi baat agar parshasan itna strict nahi hota to shayad inhi photocopy ki dukaano per hi paper ki photocopy milti, aur ye aap bhi jaante hai ki humaara district kitna aage hai is maamle mein