लोटन ब्लाक के अविश्वास प्रस्ताव में भी भाजपा की हुई किरकिरी, बड़कू की फ़तह, सजलैंन बनी रहेंगी प्रमुख
नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। विकास खंड लोटन की प्रमुख श्रीमती सजलैंन निशाँ के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव कोरम के अभाव में गिर गया है। लिहाजा सजलैंन ब्लाक प्रमुख बनी रहेंगी। इस प्रकरण में भाजपा खास कर सदर विधायक की खासी किरकिरी हो गयी है।इससे पूर्व उसका ब्लॉक प्रमुख प्रकरण में भी भाजपा की बहुत किरकिरी हुई थी। गत माह उसका ब्लाक में भी भाजपा और विधायक राही समर्थकों की हार हुई थी।
बुधवार को लोटन ब्लॉक परिसर में 11 बजे अविश्वास प्रस्ताव की बैठक होनी थी। कुल 51 बीडीसी मेम्बरों 26 के विरोध पर प्रमुख की पराजय होती, मगर 11 बजे तक ब्लॉक कार्यालय में एक भी सदस्य नहीं आया। 11 बज कर 7 मिनट पर एसडीएम डॉ महेंद्र कुमार ने परिसर की वीडियोग्राफी कराई और 11. 30 बजे अविश्वास प्रस्ताव के पारित न हो पाने का एलान किया।
इस एलान के बाद ब्लॉक प्रमुख सजलेन निशा के समर्थकों ने प्रमुख के पति ज़मीर अहमद उर्फ़ बड़कू के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकाल कर पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया। इस मौके पर ज़मीर अहमद उर्फ़ बड़कू ने कहा कि बीजेपी और उनके नेताओं ने प्रश्न पर दबाव बनाने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन प्रशासन उनके दबाव में नहीं आया।उन्होंने प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी निषपक्षता के बिना उन्हें न्याय मिलने संभव न था। इस सियासी जंग में ज़मीर अहमद बड़कूके साथ प्रधान संघ के अध्यक्ष दिवाकर पांडेय, डॉक्टर फ़रीद सल्फ़ी भी साथ थे।
बीजेपी और सदर विधायक की किरकिरी
बीजेपी की ओर से पेश प्रस्ताव के गिर जाने से क्षेत्र में भाजपा औऱ सदर विधायक श्याम धनी राही की खासी फजीहत हुई है। विधायक रही ने इस प्रस्ताव को पास कराने को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया था। इसके अलावा सांसद पाल का खेमा भी इसमें इंवाल्व्था।उनको भो निराशा हाथ लगी है। इससे पहले इसी विधान सभा क्षेत्र के उसका ब्लॉक के अविश्वास प्रस्ताव मे राही के खेमे को शर्मनाक शिकस्त हुई थी।
मंत्री के समर्थन में लगे नारे
श्रीमती सजलैंन की जीत के बाद निकले विजय जुलूस में ज़िल के बीजेपी विधायाक व आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के समर्थन में ज़बरदस्त नारे भी लगाये गए। भाजपा विरोधी की जीत में बीजेपी के मंत्री के पक्ष में नारेबाजी की वजह ये बताई गयी की मंत्री जी ने प्रशासन को स्पस्ट कह दिया था कि वो निष्पक्षता से काम करे ताकि सरकार की छवि पर आंच न आये।