डुमरियागांज लोकसभा सीट से टिकट के लिए सपा के बदरे आलम ने भी ठोंकी दावेदारी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले की एक मात्र लोकसभा सीट डुमरियागंज से टिकट की दावेदारी शुरु हो गई है। सपा नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को टिकट की चुनौती देने वालों में अब सपा नेता बदरे आलम भी शामिल हो गये हैं। राज्यसभा सदस्य आलोक तिवारी पहले ही लोकसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं।
डुमरियागंज लोकसभा सीट डुमरियागंज से दो बार चुनाव लड़ने वाले माता प्रसाद पांडेय की दावेदारी सर्वाधिक मजबूत है। इसलिए कि वे समाजवार्दी पार्टी का मजबूत ब्राह्मण चेहरा हैं। उनके खिलाफ किसी के द्धारा टिकट की दावेदारी करना अश्चर्य की बात होती, लेकिन पिछले दो चुनावों में उनके तीसरे नम्बर पर रहने से इस बार उनकी दावेदारी थोड़ी कमजोर हुई है।
सपा नेता बदरे आलम का मत स्पष्ट है। वे पार्टी को यह समझाने मे लगे हैं कि ३० फीसदी से अधिक मुस्लिम मतदाता वाले इस लोकसभा क्षे़त्र में ढाई से तीन लाख मुस्लिम मत पोल होते हैं। इसके अलावा पिछड़े वोटों को मिला कर मजबूत गणित तैयार होती है। ऐसे में यदि उन्हें टिकट दिया जाये तो सीट को जीत भी सकते हैं।
उनका यह भी कहना है कि गत विधानसभा चुनावों में जिले में एक भी मुस्लिम को प्रत्यशी न बनाये जाने से नाराज मुसलमान उनके नाम के कारण पुनः सपा में आ सकते हैं। उनका दावा है कि वे यह बात सपा के कई वरिष्ठ नेताओं को समझाने में सफल भी रहे हैं। अब अगर सपा अध्यक्ष अखिलेश जी यह बात समझते हैं तो उनका टिकट यकीनी है।
लेकिन सपा में कुछ लोग इससे इतर भी सोचते हैं। ऐसे लोगों का दावा है कि माता प्रसाद पांडेय पार्टी के बड़े नेता हैं। वे पार्टी का सबसे बड़ा सवर्ण फेस हैं। उनको लड़ाना सपा की मजबूरी है। उनकी उम्मीदवारी का मैसेज प्रदेश के पूरे सवर्ण समाज में दूर दूर तक जाता है, इसलिए अखिलेश यादव उनके स्थान पर किसी नये नाम को हरी झंडी देने से पहले सौ बार सोचेंगे।
हालांकि एक दावेदार राज्यसभा सांसद राजेश तिवारी भी हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि उनके नाम को लेकर अखिलेश यादव को दिलचस्पी नहीं है। वे क्षे़त्र से भी कटे कटे से रहते हैं। बहरहाल बदरे आलम की दावेदारी क्या रंग लायेगी, यह तो भव्ष्िय ही बतायेगा, लेकिन अपनी दावेदारी की खुलेआम घोषणा कर उन्होंने सपा की सियासी गर्मी तो बढ़ा ही दिया है।