लोकसभा चुनाव के लिए नित नये दावेदार आ रहे सामने, उलझ रही राजनीतिक गुत्थी
टिकट के तीन नये दावेदारों को लेकर लोकसभा सीट डुमरियागंज में बेचैनी, जिले के अनेक सियासी दिग्गज हैरानी भरी उलझन के शिकार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में लोकसभा चुनाव के लिए लोग समय से पहले कमर कसने लगे हैं। इसका कारण यह आशंका भी है कि दिसम्बर में हो रहे पांच राज्यों के चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव भी संभव है। लेकिन अगर चुनाव समय पर हुए तो भी मात्र आठ महीने का ही समय है। ऐसे में टिकट की भागदौड अभी से शुरू हो गई है। मजे कि बात है कि इस रेस में कई ऐसे चेहरे भी शमिल हैं, जिनकी आहट पाकर विभिन्न दलों के दिग्गजों के कान ख़ड़े हो गये हैं।
बताया जाता हैं कि क्षेत्र के मौजूदा सांसद जगम्बिका पाल पहले भाजपा के लेकसभा डुमरियागंज के निर्विवाद नेता माने जाते थे। उनको दूर दूर तक कोई चुनौती देने वाला कोई नहीं था। मगर इटवा से पिछला विधानसभा चुनाव हारने वाले तत्कालीन शिक्षा मंत्री सतीश द्धिवेदी उनके प्रमुख प्रतिद्धंदी बन कर उभरे हैं। इसी के साथ वर्तमान जिलाध्यक्ष गोविंद माधव व एक अन्य नेता भी जगम्बिका पाल का टिकट अपने नाम कराने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
गैर जिले के नेता से उलझन?
अभी यह सब चल ही रहा था कि पड़ोसी जिले के एक पूर्व विधायक का नाम भी सामने आ जाने से भाजपा में पुनः एक चर्चा शुरू हो गयी है। लोग कहते हैं कि जगम्बिका पाल जैसे नेता के सांसद रहते हुए अगर कोई भाजपा नेता जिले के बाहर से आकर सिद्धार्थनगर की लोकसभा सीट पर अपनी संभावनाओं का पता लगा रहा है, तो जाहिर है कि वह किसी बड़ी राजनीतिक हस्ती के इशारे पर ही ऐसा कर रहा होगा। अन्यथा सामान्य आदमी भी यह जानता है कि जगम्बिका पाल जैसी हस्ती का टिकट कटवा पाना दूसरे जिले के किसी औसत नेता के बस की बात नहीं है।
गठबंधन का नया चेहरा बना उलझन
जहां तक सपा और कांग्रेस का सवाल है दोनों दल ‘इंडिया गठबंधन’ में शामिल हैं। यहां से सपा के जिलाध्यक्ष लालजी यादव टिकट की दौड़ में काफी आगे थे। उनके पीछे पूर्व सांसद आलोक तिवारी आदि भी टिकट की चाह रख रहे थे। मगर इधर एक जानकारी यह मिल रही है कि लखनऊ में सपा अब बसपा नेता कन्हैया कनौजिया को पार्टी में लाने के प्रयास में है। कन्हैया लोकसभा टिकट की शर्त पर ही पार्टी में आने को तैयार हैं। लेकिन इधर गठबंधन के एक अन्य दल कांग्रेस पार्टी ने इटवा विधानसभा क्षेत्र के पिछले प्रत्याशी अरशद खुरशीद को चुनाव में उतारने की हरी झंडी दे दी है। कांग्रेस यहां पिछले चार चुनावों में अपने प्रदर्शन के आधार पर टिकट की दौड़ में सपा से आगे है। इसलिए यहां से गठबंधन की ओर से अरशद खुर्शीद का पल़ड़ा निश्चित रूप से भारी नजर आ रहा है।
फिलहाल इन तीन नये चेहरों के कारण भाजपा और गठबंधन की ओर से आने वाले नये चेहरों ने भाजपा और सपा के कई दिग्गज नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। यही कारण है कि टिकट की चाह रखने वाले अनेक दिग्गज नेता भारी उलझन में दिख रहे हैं। इस बारें में सपा जिलाध्यक्ष लाल जी यादव ने कहा कि टिकट देना हाई कमान का काम है। टिकट जिसे भी मिलेगा सपा कार्यकर्ता उनके लिए जम कर काम करेंगे।