लोटन के अविश्वास प्रस्ताव में ब्राह्मण बीडीसी होंगे निर्णायक, सदर विधायक की प्रतिष्ठा दाँव पर
- नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लोटन ब्लॉक में प्रमुख सजलैंन निशाँ के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 6 सितंबर को होगी। इसको लेकर मौजूदा प्रमुख सजलैंन निशां के पति व् क्षेत्र के प्रभावशाली व्यकि ज़मीर अहमद बड़कू की लोकप्रियता की परीक्षा तो होगी ही, सदर विधायक श्यामधनी राही की रणनीतिक शक्ति का भी अंदाजा हो जायेगा। विधायक राही ने मौजूदा प्रमुख को हटाने के लिए पूरी ताकत लगा रखा है।
बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण के लिए लोटन में सियासी बाज़ियाँ बिछ चुकी हैं। इस ब्लॉक में बीडीसी सदस्यों की तादाद 51 है। अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा के बाद मतदान में विपक्ष के समर्थन में 26 सदस्य ज़रूरी है। विपक्ष से दयाराम यादव की मां विद्यादेवी प्रमुख पद की दावेदार हैं । उनको बीजेपी का समर्थन प्राप्त है।
इस चुनाव में बीजेपी खेमे की सबसे बड़ी दिक्कत अधिकतर बीडीसी मेम्बरों का क्षेत्र से गायब होना है। अगर वे सदस्य बुधवार तक ऐसे ही गायब रहे तो कोरम के अभाव में प्रस्ताव गिर जाएगा और श्रीमती सजलैंन ब्लॉक प्रमुख बनी रहेंगी। खबर है कि क्षेत्र के लगभग 30 बीडीसी गायब हैं। यदि ये आख़िर तक ग़ायब रहे तो प्रस्ताव निश्चित ही गिरेगा और बीजेपी की किरकिरी हो जायेगी।
बताते हैं कि इस मुद्दे को ध्यान में रख कर सदर विधायक खुद मैदान में उतर गए हैं। वे खुद बीडीसी से संपर्क कर रहे हैं। इसके अलावा सांसद जगदंबिका पाल के कुछ खास लोग भी क्षेत्र में भ्रमण में लगे हैं।
बताते हैं की क्षेत्र से गायब बीडीसी सदस्य श्रीमती सजलैंन के समर्थक हैं। विपक्ष का आरोप है कि प्रमुख के पति ज़मीर अहमद ने उन्हें लालच द्दे कर अपने साथ कर रखा है। इसके जवाब में प्रमुख के देवर डॉ. फरीद अहमद सल्फी कहते हैं कि सदस्य सत्ताधारी दल के दबाव से कहीं जा सकते हैं। जिनसे हम लोगों का कोई संबंध नहीं है। मेरी जीत यक़ीनी है, इसलिए विरोधी प्रलाप कर रहे हैं।
फिलहाल लोटन ब्लाक के सियासी जानकार बताते है की लोटन में ब्राह्मण बीडीसी सदस्यों का बड़ा वर्ग स्थानीय कारणों से ज़मीर अहमद के खेमे में दिख रहा है। यही वर्तमान प्रमुख की ताकत है तो बीजेपी खेमे की बेचैनी की वजह भी है।
अब मौजूदा हालात में देखना है कि 6 सितंबर को ऊँट किस करवट बैठेगा।