मदरसों पर 15 अगस्त समारोह की सीडी पेश करने का आदेश मुसलमानों की देशभक्ति का अपमान
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।स्वाधीनता दिवस पर मदरसों में ध्वजारेहण सम्बनधी सरकारी फरमान का मुस्लिम बाहुल इलाकों में जम कर आलोचना हो रही है। लोग इस फरमान को लोकतंत्र के खिलाफ और मुस्लिमों को अपमानित करने का आदेश बता रहे हैं। लोगों ने इसेवापस लेने की मांग की है।
जिले में तमाम बुद्धिजवियों का मानना है कि यौमे आजादी में शामिल होना, राष्ट्रगान गाना और झंडा फहराना वतनपरस्ती है। लेकिन सरकार जिस प्रकार एक वर्ग से ऐसी अपेक्षा की है और मदरसों में कार्यक्रमों की सीडी की मांग की है, उससे साफ लगता है कि उसे मुसलमानों की देशभक्ति पर यकीन नहीं है। जबकि मदरसे जंगे आजादी में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
शहर के बैतुलमाल के चेयर मैन डा. एम.एस. अब्बासी का कहना है कि स्वतन्त्रता दिवस पर हर मुस्लिम स्कूल झंडा फहराता है और जनगणमन गाता है। इसके बाद सरकार को ऐसा आदेश देने की जरूरत क्यों पड़ी।सरकार का यह फरमान कि मदरसा प्रबंधन अपने आयोजन की पूरी सीडी बना कर शासन को सोंपे, यह सरासर अपमानजनक और मुसलमानों की देशभक्ति पर शक करना है। सरकार अगर यह आदेश सभी शिक्षण संस्थानों के लिए जारी करती तो बात अलग थी।
जिले के मौलाना आजाद डिग्री कालेज के प्रबंधक मुमताज अहमद कहते हैं कि यह आदेश लोकतंत्र का अपमान है। सरकार को मुसलमानों की देशभक्ति का टेस्ट करने का कोई हक नहीं है। आखिर यह आदेश जरी कर सरकार क्या संदेश देना चाहती है। उन्होंने इस आदेश को सरकार से वापस लेने की मांग की और कहा है कि इससे सामाजिक विघटन को बढावा मिलेगा।
बता दें कि गत दिनों शासन से आदेश जारी हुआ है कि शासन से वित्तीय मदद पाने वाले हर मदरसों को अपने यहां पन्द्रह अगस्त को झंडा फहराने, राष्ट्रगान करने और सवाधनता आंदोलन पर वर्वा की पूरी रिकार्डिंग करा कर उपलब्ध कराना होगा। इसे मुस्लिम क्षेत्र में अन्यायपूर्ण कदम बताया जा रहा है।