बिना पढ़ाये ही मदरसा शिक्षकों का हो रहा भुगतान
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़। टाउन के मदरसा अरबिया फैजुल कुरआन में दो ऐसे शिक्षकों को वेतन देने की सिफारिश कर गई है, जो लगभग पिछले चार वर्षों से विद्यालय का चेहरा भी नहीं देखे। इसी बात को लेकर विद्यालय के मैनेजर व सेक्रेट्री के बीच ठन गयी है।
विद्यालय सेक्रेट्री मो अशरफ ने इस सम्बन्ध में तत्काल मीटिंग बुलाकर इसका कारण जानना चाहा तो मैनेजर मुश्ताक अहमद ने कहा की यह मदरसे की भलाई के लिए किया गया है।
इस पर मीटिंग में आये सभी लोगों ने इसका जम कर विरोध किया। मैनेजर की बात से कोई संतुष्ट नहीं था। सूत्र बताते हैं की मैनेजर मुश्ताक अहमद ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक ख़ास बाबू को मिलाकर सालों से गायब रहे मास्टरों के मानदेय निकलवाकर अपना अपना हिस्सा खा चुके हैं।
इस सम्बन्ध में जब सेक्रेट्री मो अशरफ से बात की गयी तो उन्होंने रिपोर्टर को बताया की वे इस प्रकरण को लेकर काफी गंभीर हैं। जिन्होंने छात्रों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया, उनको विद्यालय से भगाने के बजाय उनका मानदेय देकर मेनेजर ने बहुत बड़ी गलती की है। मैं उच्च अधिकारियों के लगातार संपर्क में हूँ। जल्दी ही सरकारी पैसों की रिकवरी शुरु हो जाएगी।
बताते चलें की इस तरह के कई विद्यालय के मनेजर अधिया, बटाई व रेहन पर टीचर रखे हुए हैं ।पढ़ाता कोई और है रिकॉर्ड में मानदेय कोई और उठा रहा है। शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार को बड़े आराम से लोग सहते हुए दिखाई पड़ते हैं।