महागठबंधन में बंटवारे की सीटे चिन्हित, घोषणा जल्द, डुमरियागंज सीट बसपा व बस्ती सपा को
— पूर्वाचल में सपा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा को मिली बड़ी हिस्सेदारी, गठबंधन न होने से स्थानीय कांग्रेसी खुश
एस दीक्षित
लखनऊ। समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे ही उसके चिन्हांकन की प्रकिया भी पूर्ण हो गई है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों ही पार्टी इन सीटों में कौन कहां से लड़ेगा, पर भी सहमत हो गई हैं। भरोसेमंद सूत्रों की माने तो सपा-बसपा गठबंधन के तहत पूर्वाचल में अधिक सीट सपा को तथा पश्चिमी यूपी में बड़ा हिस्सा बसपा को मिला है। पूर्वांचल में बस्ती मंडल की दो चर्चित सीटें डुमरियागंज और बस्ती क्रमशः बसपा और सपा को गई हैं। सपा बसपा अभी पांच सीटों को चिन्हित कर पाने में सफल नहीं हुये हैं। उन्हें चिन्हित करने के बाद अधिकृत घोषणा कर दी जाएंगी।
पक्के सूत्रों के अनुसार इसकी घोषणा जल्द ही कर दी जायेगी। हालांकि कांग्रेस के लिए अभी विकल्प खुला है। उसे दो सीटें महागठबंधन की ओर से तोहफे में दी गई है। अगर कांग्रेस 8 सीटों पर चुनाव लड़ने पर राजी होती है तो सपा बसपा तीन-तीन सीटों की कमी कर कर सकती हैं। हालांकि कि कांग्रेस 8 सीटों पर मानने वाली नही है। इसलिए जानकार दावा कर रहे है कि महागठबंधन का ताजा फैसला ही अंतिम है।
बताते चलें कि 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद समाजवादी पार्टी की 5 सीटों पर जीत हुई थी। उसके 31 प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। इस चुनाव में सपा को 22.02 फ़ीसदी और बसपा को 20 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस मात्र 7 फीसदी मतों पर सिमट गई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को कोई उम्मीदवार सफल नहीं हो सका था। मगर उसके उम्मीदवार 34 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे थे। इसी के आधार पर बंटवारे का फार्मला तैयार किया गया है
इन लोकसभा सीटों पर बसपा उतारेगी उम्मीदवार
आगरा, अकबरपुर, अलीगढ़, अंबेडकरनगर, बांदा, बांसगांव, भदोही, बुलंदशहर, चंदौली, देवरिया, धौरहरा, डुमरियागंज, फतेहपुर, फतेहपुर सीकरी, घोषी, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, खीरी, मछलीशहर, महाराजगंज, मेरठ, मिर्जापुर, मिश्रिख, मोहनलालगंज, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सीतापुर, और सुलतानपुर।
सपा इन सीटों पर आजमएगी किस्मत
कन्नौज, बदायूं, मैनपुरी, आजमगढ़, फिरोजाबाद, इलाहाबाद, अमरोहा, आंवला, बागपत, बहराइच, बलिया, बरेली, बस्ती, बिजनौर, एटा, इटावा, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, झांसी, कैराना, कैसरगंज, कौशाम्बी, लालगंज, मुरादाबाद, नगीना, फूलपुर, पीलीभीत, रामपुर, संभल, श्रावस्ती और उन्नाव।
काग्रेस से गठबंधन के बहर होने से कांग्रेसी खुश
गौर तलब है कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन को लेकर निरंतर दूरियां बढ़ती जा रही थी। वहीं मायावती भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रही थी। इसी को देखते हुए अखिलेश यादव और मायावती ने आपसी सहमति कर सीटों का बंटवारा कर लिया है वहीं कांग्रेस अब अपने नए साथी की तलाश में है और जल्द घोषणा कर सकती है। वैसे कांग्रेस वर्कर भी नहीं चाहते थे कि कांग्रेस इनसे गठबंधन करे। सपा बसपा से कांग्रेस के गठबंधन की विफलता से कम से कम डुमरियागंज लोकसभा सीट यानी सिद्धार्थनगर के कांग्रेसी बेहद खुश दिख रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें खुशी है कि अब कांग्रेस में रह कर सपा या बसपा का झंडा नहीं ढोना पड़ेगा।