महाराणा प्रताप ने अकबर को कई बार रणभूमि में टक्कर दी- जय प्रताप
कभी भी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके: राघवेंद्र प्रताप
भारतवासियों को मुगलों के जुल्मों से मुक्ति दिलाया: राही
भारत की मजबूती के लिए आगे सर्व समाज: अंजू चौहान
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, बांसी के विधायक जय प्रताप सिंह ने महान सूरवीर महाराणा प्रताप के जीवन व संघर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने सदैव जीवन को सरल बनाने व अपने सम्मान की रक्षा के लिए प्रेरित किया। कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने मुगल शासक अकबर को कई बार रणभूमि में टक्कर दी।
पूर्व मंत्री जय प्रताप सिंह सोमवार को लोहिया कला भवन में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जिला इकाई के तत्वावधान में राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप सिंह की 482वीं जयंती अवसर पर विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया।
डुमरियागंज के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके और उल्टा अकबर की सेना उनके सामने युद्ध करने से कतराती थी। उनकी वीरता ने ही उन्हें वीर शिरोमणि बनाया।
शिवपति पीजी महाविद्यालय शोहरतगढ़ के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप नाम वीरता और वचन की एक अद्भूत मिसाल का नाम है।
सदर विधायक श्यामधनी राही ने कहा कि महाराणा प्रताप अपने जीवन में कठिन संघर्ष करके भारत वासियों को मुगलों के जुल्मों से मुक्ति दिलवाने का काम किया।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बालिका वर्ग तेतरी बाजार की प्रधानाचार्य अंजू चौहान ने कहा कि ऐसे महापुरूषों के जीवन व शिक्षाओं पर चलते हुए हमें देश की मजबूती के लिए काम करना होगा।
क्षत्रिय महासभा के प्रदेश सचिव अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जो कुर्बानी दी उसकी इतिहास में कहीं मिसाल नही मिलती।
कार्यक्रम को बसपा नेता हरिशंकर सिंह, राजू सिंह, फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, के. पी. सिंह, लवकुश ओझा, राजू पांडेय, रत्नेश सिंह, मोहित सिंह, विनोद सिंह, राम निवास यादव आदि ने भी संबोधित किया। संचालन हरेंद्र बहादुर सिंह ने किया।
जिलाध्यक्ष भूप नारायन उर्फ राजन सिंह की अध्यक्षता में संपन्न कार्यक्रम में विजय सिंह, राकेश सिंह, विनोद सिंह प्रधान, लवकुश ओझा, अरुणा मिश्रा, राजेश सिंह, संजू सिंह, प्रेम नारायण दुबे, अजीत सिंह, उमेश सिंह, रजनीश सिंह, रत्नेश सिंह, सोनू सिंह, अभय सिंह, रूपेश सिंह, सौरभ कसौधन, हरिशंकर सिंह, अंकित सिंह आदि उपस्थित थे।