“इंक्लाब जिंदाबाद” जैसे नारे के शिल्पी हसरत मोहानी देशभक्तों की पहली कतार के नेता थे- माता प्रसाद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। देश की आजादी की लडाई में मौलाना हसरत मोहानी सीब की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह भारत के संविधान बनाने वाली समिति के महत्वपूर्ण सदस्य थे। उनका दिया गया “इंक्लाब जिंदाबाद“ का नारा जब तक रहेगा तब तक उनका नाम अमर रहेगा।
यह बातें शनिवार को डुमरियागंज क्षेत्र के बेवा चैराहे पर हिन्दुस्तान की तरक्की व आजादी में मौलाना हसरत मोहानी के योगदान विषय पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के संबोधित करते हुए पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कही। गोष्ठी मौलाना मोहानी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित थी।
इस अवसर पर सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि इंसानियत के पैरोकार रहे मौलाना मोहानी ने न सिर्फ देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि क्रांति के पथ पर चलने वाले नौजवानों को एक रूनी नारा भी दिया। आलिम होने के बावजूद भी वह एक शायर व राष्ट्र भक्त के रूप में देश के इतिहास में अमर रहेंगे।
उन्होने कहा कि देश संविधान के जरिए संचालित हो रहा है। जिसमें पंथ निरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म व मजहब का सम्मान होना चाहिए। लेकिन आज के दौर में कुछ सांप्रदायिक शक्तिया धर्म व मजहब के नाम पर समाज में जहर घोलने का काम कर रही है। ऐसी परिस्थिति में मौलाना हसरत मोहानी जैसी शख्सियत की उपयोगिता बढ़ गयी है।
उन्होंने कार्यक्रम आयोजक इंजीनियर काजी इमरान लतीफ सहित पूरी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज समाज में ऐसे ही आयोजनों की जरूरत है। इस मौके पर समाजवादी नेता घिसियवन यादव ने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी के सिद्धान्तों पर चलकर समाज को मजहब के भेदभाव मुक्त करना होगा। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।
कार्यक्रम में रफी मेमोरियल इण्टर कालेज चकचई के प्रधानाचार्य अहमद फरीद अब्बासी ने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी का संबंध डुमरियागंज से भी रहा है। बयारा निवासी स्वर्गीय काजी अदील अब्बासी व स्वर्गीय जलील अब्बासी से उनके बेहतर रिश्ते रहे है। इस दौरान उन्होंने मौलाना से जुडे कई वाकयातों को भी पेश किया।
कार्यक्रम के आयोजक ई.काजी इमरान लतीफ ने इससे पहले गोष्ठी का विषय प्रवर्तन किया और आये हुए मेहमानों का स्वागत भी किया। महिला नेत्री नीलम यादव, सपा नेता अफसर रिजवी, फरहान अहमद, कांग्रेसी नेता सच्चिदानन्द पाण्डेय, काजी किताबुल्लाह, नौशाद मलिक, मनोज सिद्धार्थ, जावेद हयात, हाफिज अकरम अशर्फी, इरफानुलहक हाशमी ने संबोधित किया।