सो रही सरकार, मर रहे गरीब
सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल में लगभग एक माह से सर्जन का पद रिक्त है। इससे यहां पर सर्जरी कार्य पूरी तरह से बंद हो गया है। अस्पताल में सर्जरी कार्य न होने का खामियाजा लाखों गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। गरीब अपने विभिन्न प्रकार के आपरेशन की उम्मीद लेकर जिला अस्पताल पहुंचता है, मगर अस्पताल प्रशासन सर्जन होने की बात कहकर उस गरीब को उल्टे पांव लौटा देता है।
दरअसल एक माह पहले जिला अस्पताल में तैनात एक मात्र सर्जन विवेक मिश्रा का स्थानांतरण मथुरा कर दिया गया। तबादले के बाद उन्हें यहां से रिलीव भी कर दिया गया, मगर उनके स्थान पर किसी को यहां भेजा नहीं गया। इससे जिला अस्पताल में सर्जरी की व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गयी। एक माह से अस्पताल के आपरेशन थियेटर में सन्नाटा पसरा हुआ है।
बुधवार को बांसी तहसील क्षेत्र के ग्राम गौरा निवासी तीरथ प्रसाद अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल में आयें थे। कपिलवस्तु पोस्ट को उन्होंने बताया कि पत्नी को पथरी की शिकायत थी। प्राइवेट सर्जन आपरेशन के लिए पन्द्रह हजार रुपये की मांग कर रहे हैं, इतना पैसे उनके पास नहीं थे। इसलिए पत्नी का आपरेशन कराने वह जिला अस्पताल आयें थे, मगर यहां आने के बाद पता कि अस्पताल में सर्जन ही नहीं है।
तीरथ की तरह रोजना कई मरीज आते हैं, मगर सर्जन न होने के कारण वह निराश होकर लौट जाते हैं। गरीब जाये तो जायें कहां ? प्राइवेट चिकित्सकों को देने के लिए उनके पास पैसे नहीं और जिला अस्पताल में सर्जन है नहीं। अब तो उनका भगवान ही मलिक है।
इस सिलसिले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा ओ पी सिंह का कहना है कि सर्जन न होने से अस्पताल की व्यवस्था ही पंगु हो गयी है। सर्जन की तैनाती को लेकर लगातार पत्र लिखा जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यहां के लिए सर्जन की तैनाती हो जायेंगी।