सिंहेश्वरी मंदिर के महंथ की मौत पर पीएम रिपोर्ट को लेकर उठे कई सवाल? संदेह अब भी बरकरार
— मुख्य सवाल! सर्पदंश से शरीर पर दो या चार दांत के निशान बनते हैं, महंथ के पैर में तीन निशान कैसे?
— महंथ जी के शरीर में जहर की मात्राअधिक थी, आंख से तरल बह रहा था। सीसीटीवी भी घटना के सयमय बंद था, आखिर क्यों?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन सिंहेश्वरी मंदिर के महंथ बाबा त्रिवेणी दास की मौत का कारण बहुत हैरानी भरा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक 70 वषीय बाबा त्रिवेणी दास की मौत का कारण सर्पदंश बताया जा रहा है, मगर कई वरिष्ठ चिकित्सक रिपोर्ट पर हैरानी व्यक्त कर रहे हैं, कि आखिर वह कौन सा सांप था जिसके काटने के तत्काल बाद एंटी स्नेक वेमन के 6 डोज देने के बाद भी उन्हें बचाया न जा सका। क्या यूपी में कोबरा से भी अधिक जहरीले सांप पैदा होने लगे हैं?
बाबा के शरीर पर सर्पदंश के तीन निशान कैसे बने?
पीएम रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबा त्रिवेणी दास के पैर के पंजे पर सांप के काटने के निशान पाये गये हैं, मगर एक अखबार के मुताबिक तीन डाकटरों के पैनल में से एक ने बताया है कि महंथ के पंजों पर सूई की नोक जैसे तीन निशान पाये गये हैं। जानकारों का कहना है कि सांप के काटने पर व्यक्ति के शरीर पर दो या चार निशान बनते हैं तीन नहीं। आखिर यह कौन सांप है जिसके तीन ही दांत के निशान बने। इस सवाल का जवाब अनुत्तरित है।
बदन में जहर की मात्रा अधिक थी
बताया जाता है कि महंथ त्रिवेणी की मौत के बाद उनकी आंखों से तरल बह रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति तब आती है जब शरीर में बहुत अधिक मात्रा में जहर हो या सांप ने कई बार डंसा हो। लेकिन पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बाबा को कई बार डंसने की पुष्टि नहीं हुई है। वैसे भी सर्पदंश से पीड़ित की मौत में कम से कम चार से 6 घंटे लगते हैं। लेकिन इस मामले में लगभग एक घंटे में ही बाबा की मौत हो गई। कैसे?
घटना के समय सीसीटीवी भी बंद था। क्यों?
सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस समय महंक को सांप उंसने की बातकही जर रही है उसय दौरान लगभग एक घंटे तक मंदिर में लगा सीसीटीवी बंद था। क्या वह बंद किया गया था या सा खुद ही बंद था। इसकी जांच की जरूरत है। फिलहाल सीसीटीवी की फुटेज पुलिस के कब्जे में है। देखिए जांच होती है या नहीं। स्थानीय जनता उसकी जांच की मांग कर रही है।
क्या है पूरा घटना क्रम?
बताते चलें कि गुरुवार की सुबह सुबह ही महंथ त्रिवेणी दास की मौत की खबर जंगल में आग की तरह पूरे शहर में फैल गई।तड़के उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां वे मृत घोषित किये गये। इसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया। शहर में पोस्टमार्टम हाउस, अस्पताल और मंदिर क्षेत्र में आनन फानन में पुलिस तैनात हो गई। आखिर एक सामान्य मौत पर प्रशासन क्यों इतना सतर्क हुआ? प्रशासन को क्या किसी हंगामे की आशंका थी।
मंदिर में रहने वाले महंथ के एक करीबी का कहना था कि गुरुजी को रात सांप ने काटा था, सांप को ढक दिया गया था, मगर बाद में उसने कहा कि सांप भाग गया। इतनी रहस्यमय हालात में उनकी मौत की खबर सुन कर खेसरहा के मझरिया गांव से आये परिजनों व उनके भाई दुर्गेश ने भी शंका जताई कि उनके भाई की मौत के पीछे हत्या की आशंका प्रतीत होती है।
मंदिर पर कब्जे को लेकर एक साल से चल रहा था विवाद
यहां यह भी बता दें कि सिहेश्वरी मंदिर विगत एक साल से विवादों का केन्द्र बता हुआ था। कपिलवतु क्षे़त्र के एक राजनीतिज्ञ के भाई पर आरोप है कि वह महंथ पद पर कब्जा करना चाहते थे। इसमें थरौली गांव के लोग उनका विरोध कर रहे थे। हाल ही में उसे मंदिर में मार कर खदेड़ा गया था। कुछ लोग इस विवाद और महंथ की मौत का तार भी आपस में जोड़ कर देख रहे हैं। यह एक जनचर्चा मात्र है। परन्तु जनता का विश्वास जीतने के लिए प्रशासन को गहन जांच करनी चाहिए। यह हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का सवाल है।