मनीष मर्डर मिस्ट्रीः मां बोली-“ मेरा बेटा गुलाब जैसा था, वो मुकम्मल किताब जैसा था”
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले के चिल्हिया थाना क्षे़त्र के गौरा बाजार निवासी बीएससी छा़त्र मनीष मर्डर मिस्ट्री और भी उलझती जा रही है। पुलिस अब कत्ल की थ्ौरी से अलग हट कर मामले को आत्महत्या आत्महत्या साबित करने में जुटी है। उसका मानना है कि मनीष ने किसी कारणवश बानगंगा बैराज से नदी में कूद कर जान दे दी। मगर ऐसे कौन से कारण थे कि मनीष को आत्महमत्या को मजबूर होना पड़ा। इसका जवाब पुलिस के पास नही है। लेकिन कई ऐसे कारण है जो पूरे मामले को हत्या की तरफ इशारा कर रहे हैं। जबकि मनीष की माता शीला देवी ने आज मीडिया के सामने रो रो कर कहा कि उसका फूल सा बेटा औसतन 95 प्रतिशत नम्बर पाने वाला मेधावी छा़त्र था। वह आत्महत्या की बात सोच भी नहीं सकता था।
18 साल का मनीष शुक्ल 21 जनवरी को सिद्धार्थनगर जिले के शिवपति पीजी कालेज शोहरतगढ़ हास्टल से गायब हुआ था। उसकी लाश 27 जनवरी को बानगंगा नदी पर बने बैराज के पास पानी से बरामद हुई थी। इसस पहले 23 जनवरी को बानगंगा बैराज का पानी पूरी तरह सुखा कर मनीष की लाश तलाशी गई थी, तब वहां लाशनिहीं मिली थी। अचानक 27 जनवरी को पानी में उसकी लाश तैरती मिली। उसके सर में एक बड़ा घाव था। तब पुलिस ने इसे अधिकारिक तौर पर कत्ल का मामला कहा था। फिर अब पुलिस किस आधार पर इसे आत्महत्या का मामला मान रही है।
पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट पर गौर करें तो पायेंगे कि मनीष के सर पर गंभीर जख्म था। उसकी मौत लाश मिलने से 80 घंटे पहले हुई थी। यानी कि 23 जनवरी को बागंगा बैराज सुखा कर जब मनीष की लाश तलाशी जा रही थी तो वह जिंदा था। उसकी मौत गायब होने के चौधे पांचवे दिन हुई। सबसे बड़ी बात कि डूब कर मरने वाले के पेट से पानी की बरामदगी होती है, लेकिन पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक उसके पेट में पानी नहीं था। यही नहीं वह एक मेधावी छा़त्र था, घर में भी किसी तरह का तनाव नहीं था। ऐसे में वह आत्महत्या क्यों करेगा?
क्या कहती है मां शीला देवी
इस बारे में मनीष की मां श्रीमती -शीला शुक्ल व अन्य परिजनों ने आज मीडिया के सामने रो रोकर बताया कि उसके बेटे को छा़त्रसंघ चुनाव में विरोधी को वोट न करने के कारण मारा गया है। वह तो नेता नहीं था, बस उसने एक विजातीय छात्र को सपोर्ट भर किया था। वरना वह तो हमेश विवादों से दूर रह कर पढाई करने वाला बच्चा था। सुदर और भोला इतना कि बिलकुल गुलाब का फूल लगता था। उनका कहना था कि वह मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करने आज डीम के पास आई हैं।
मामा रवीन्द्र मिश्र के आरोप में दम है
मनीष के मामा रवीन्द्र कुमार मिश्र कहते हैं कि लाश मिलने पर मनीष की आंतें सिकुड़ी हुई थीं, मतलब हत्या से पहले उसे भूखा रखा गया था। उसके टूटे दांत और सर के घाव बताते हैं कि उसे टार्चर भी किया गया था। लेकिन पुलिस राजनीतिक दबाव में है। अगर मामले की जांच हुई तो जात पात में डूबी कत्ल की भयानक सच्चाई सामने आ सकती है।
हालांकि पुलिस कुछ दिन पहले इस हत्याकांड का खुलासा करने का दावा कर रही थी, लेकिन अब उसके द्धारा इस घटना को आत्महत्या करार देने की कोशिश से लग रहा है कि या तो वह दिगभ्रमित है अथवा सचमुच राजनीतिक दबाव में है। मनीष की मौत पुलिस के लिए चुनौती है। देखना है कि वह मामले का खलासा करती है या वरदी पर एक और दाग लगा कर फाइल को दाखिल दफ्तर कर देती है।