चोरों के आतंक से गांव-गांव में ग्रामीण कर रहे पहरेदारी, अफवाहों ने छीनी सबकी नींद
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर के गांव- गांव में इस समय चोरों का आतंक व्याप्त है। चोरों के मंसूबे सफल न हो पायें, इसके लिए ग्रामीणों ने कमर कस लिया है। अधिकांश गांवों में ग्रामीण स्वयं पहरेदारी कर रहे हैं। शाम होते ही ग्रामीण टोलियों में बंटकर एक स्थान पर एकत्र होते है और फिर गांव-गांव में जागते रहों का शोर सुनायी देने लगता है।
पिछले पन्द्रह दिनों से सदर थानाक्षेत्र के बिनयका, परसा महापात्र, दतरंगवा, मधुकरपुर, बसडिलिहा, डुमरिया, पोखरभिटवा, महरिया आदि गांवों में चोरों का दहशत व्याप्त है। हालांकि इन गांवों में पुलिस गश्त कर रही है, मगर पुलिस पर ग्रामीणों का विश्वास कम है। इसी कारण से ग्रामीणों ने गांवों की सुरक्षा की कमान अपने हाथों में ले लिया है।
पिछली रात लगभग नौ बजे ग्राम दतरंगवा के ग्रामीणों को गांव के सीवान में एक साथ आधा दर्जन टार्च जलते हुए देखा। इसके बाद चोर-चोर का हल्ला पूरे क्षेत्र में गूंजने लगी। लगभग एक घंटें तक ग्रामीणों का हुजूम पूरे सीवान को खंगालता रहा, मगर कोई पकड़ा नहीं जा सका। क्षेत्र में आये दिन इस प्रकार की घटनाएं सुनायी दे रही हैं, मगर पुलिस का कहना है कि इस तथ्य में सच्चाई कम अफवाह ज्यादा है।
सदर थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा का कहना है कि ग्रामीण अगर सजग है, तो ठीक है। रही बात पुलिस की तो गश्त जारी है। रात में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति ग्रामीणों को दिखायी देता है, तो ग्रामीणों को चाहिए कि उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दें।
वैसे इस दहशत के पीछे अफवाहों का भी हाथ कम नहीं है। छोटे छोटे शोरगुल पर भी लोग घर से बाहर निकल आ रहे हैं। सुनर सुनी सुनाई बातों को सच मान कर रातों की नींद खराब करने वाले भी कम नहीं हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि पड़ोस के गांव के पहरा देने वालों का शोर सुन कर बगल के गांव में हलचल मच जाती है।