सभी खेमों में विशेषज्ञ कर रहे गुणाभाग, पल पल बदल रही उम्मीदवारों के चेहरे की रंगत
लगातार चौथी बार जीत की डगर पर हैं पाल साहब- एस.पी अग्रवाल
सपा में हर बार ब्राह्मण प्रत्याशी ने बदला है चुनावी इतिहास- लालजी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर मतदान के 24 घंटे बाद चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के कार्यालयों पर सुदूर गांवों के कार्यकर्ता अपने अपने गांव जवार के मतदान का हाल बता रहे हैं। जिन्हें नोट कर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के विशेषज्ञ तुरंत जोड़ घटाने में जुट जाते हैं और अन्तिम गणना के आधार पर अपनी कयासबाजी जाहिर कर देते हैं।
उसमें छिपे हार और जीत के संदेश के हिसाब से प्रत्याशियों के चेहरे की रंगत बदलने लगती है। धड़कनें तेज होने लगती हैं। डुमरियागंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे तीन प्रमुख प्रत्याशी इस दौरान बेहद तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। सभी को अब मतगणना तिथि 4 जून का शिद्दत से इंतजार है। ताकि अधिकृत परिणाम की घोषणा के बाद उनके चेहरे का तनाव गायब हो सके।
समाजवादी खेमा उत्साह से लबरेज
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कुशल तिवारी का शोहरतगढ़ रोड पर बना अस्थाई आवास ही उनका कैंप कार्यालय बना हुआ है। दूर दराज के कार्यकर्ता वहीं पहुंच कर अपने गांव की मौखिक रिपोर्ट दे रहे हैं। कुशल तिवारी का खेमा उत्साह से लबरेज है। उसे ब्राह्मण और कुर्मी मतों में भारी विभाजन का लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।
इस दौरान ग्राम पटखौली के सेक्टर प्रभारी अतीक अहमद पहंचते हैं। वे बताते हैं कि उनके गांव के पास के लोधी वोट भी पहली बार मिले हैं। तभी लोधपुरवा सिकरी बाजार) गांव के गोविंद यादव भी बताते हैं कि उनके टोले पर भी लोधी मत में कुछ वोट सपा को गये हैं। इससे प्रत्याशी के चेहरे पर स्वाभाविक तसल्ली चमकती दिख जाती है। गांवों से आने वाली अन्य रिपोर्टों में लोग बताते हैं कि सिकरी बखरिया के आस पास व लोटन के राम नगर रसियावल, सहित बूड़ा खैराटी आदि क्षेत्रों के परम्परागत भाजपा समर्थक ब्राह्मण वोटों का बड़ा हिस्सा सपा के खाते में पहली बार आया है।
भाजपा खेमे को अपने नेता पर भरोसा
उधर सांसद और भाजपा प्रत्याशी जगदम्बिका पाल के आवास/कैंप कार्यालय पर भी विशेषज्ञों का मंथन जारी है। यहां भाजपा समर्थक दो वोटर वर्ग में संभावित विभाजन को लेकर गुणा भाग चल रहा है। लोगों को जगम्बिका पाल के राजनैतिक कौशल पर बहुत भरोसा है। उनके चाणक्यों का कहना है कि यदि इस चुनाव में पचास से साठ हजार कुर्मी और ब्राह्मण मतदाता भाजपा से दूर हुये होंगे तो चुनाव बराबर का हो जायेगा। ऐसे में भाजपा सांसद/ प्रत्याशी पाल साहब अपने कूशल मैनेजमेंट के सहारे जीत के लिए अतरिक्त मतों की व्यवस्था कर लेंगे। उनके कई कार्यकर्ता पल्हया (बुचहा), खम्हरिया, खोरिया रघुवीर, परसौना आदि बूथों पर भाजपा की बढ़त का हवाला देते हुए कहते हैं कि पाल साहब लगातार चौथी बार जीत हासिल करने वाले सांसदों की सूची में जरूर दर्ज होंगे। दरअसल इस खेमे में भाजपा वर्करों को अपने पर कम अपने प्रत्याशी की राजनैतिक कुशलता पर अधिक भरोसा है।
अमर सिंह खेमा में सर्वाधिक उत्साह
सबसे ज्यादा उत्साह चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (भीम अर्मी) के प्रत्याशी चौधरी अमर सिंह के खेमे में देखा जा रहा है। कुछ समर्थक उनके आवास पर उनकी जीत का खुले आम दावा करते देखे जा सकते हैं। लेकिन उनके करीबी और गंभीर समर्थक जीत हार से परे केवल यह जोड़ घटाना करने में व्यस्त हैं कि उनके युवा नेता अमर सिंह चौधरी एक लाख मत से जितना भी आगे जायेंगे, उनकी राजनैतिक हैसियत उतनी ही बढ़ेगी। उनके करीबी कृष्णा चौधरी कहते हैं कि पार्टी को दलित और अति पिछड़ा वर्ग के बंपर वोट मिले हैं।
कुर्मी बिरादरी के भी 80 फीसदी मत उनको मिले हैं।लिहाजा टक्कर तगड़ी है। वह चुनाव जीत सकते हैं। उनके अन्य समर्थक ग्राम अमवा, बजहा, गैंजड़-रक्सैल, पल्टा देवी, बढ़नी चाफा आदि मतदान केन्द्रों पर अपने पक्ष में 80 फीसदी मतदान का हवाला देते हैं। अमर सिंह के समर्थक ग्राम गनवरिया के सलाहुद्दीन अपने गांव में अच्छे तादाद में मुस्लिम मिलने की जानकारी अपने प्रत्याशो देते हैं जो उन्हें उत्साहित करता है।
इस चुनाव में प्रमुख दलों में से बसपा प्रत्याशी नदीम मिर्जा का खेमा ऐसे किसी गुणा भाग से परे है। बसपा प्रत्याशी मतदान के बाद से ही एकांतवास में हैं। उनको लेकर चुनावों में भी कोई चर्चा नहीं रही। इसलिए उनके अधिकांश मत आजाद समाज पार्टी के पक्ष में शिफ्ट हुए बताये जाते हैं। कुल मिला कर तीनों दलों के अपने अपने गुण भाग हैं। सभी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
सांसद और भाजपा प्रत्याशी जगम्बिका पाल के प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एसपी अग्रवाल का कहना है कि सांसद जी प्रदेश के वरिष्ठ सांसदों के साथ कुशल रणनीतिकार भी है इसलिए चुनाव परिणाम आने दीजिए, वे निरंतर चौथी जीत हासिल करेंगे। जबकि सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी के ब्रह्मण प्रत्याशी ने सदा यहां का चुनावी इतिहास बदला है। इसलिए इस बार भी 1996 की तरह सपा यहां कामयाबी का परचम लहरायेगी।