मरहूम मदनी झंडानगरी ने नेपाल में इल्म की रौशनी जलाई– खिलजी
सगीर ए खाकसार/स्वतंत्र पत्रकार
बढ़नी,सिद्धार्थनगर। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल के कृष्णनगर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस्लामिक स्कॉलर मरहूम अब्दुल्लाह मदनी झंडानगरी के व्यक्तित्व व् कृतित्व पर आयोजित एक इल्मी सेमिनार में नेपाल और भारत के प्रमुख इस्लामिक धर्म गुरुओं व् बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में मौलाना मदनी द्धारा नेपाल में किये गए कार्यों की सभी वक्ताओं ने जम कर प्रशंसा की। इस मौके पर मरकुजुत तौहीद झंडानगर द्धारा आयोजित उक्त सेमिनार में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनलला बोर्ड के सदस्य मौलाना अब्दुल वहाब खिलजी ने कहा है कि मौलना मदनी मेरे अज़ीज़ दोस्तों में से थे।उन्होंने नेपाल में इल्म की रौशनी जलाई।लोगों को शिर्क व् बिदअत से बचाया।
मौलाना सलाहुद्दीन मकबूल अहमद ने मौलाना मदनी के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि दीन की खिदमत ही उनका वाहिद फ़रीज़ा था। उन्होंने इल्म की जो शमा नेपाल में जलाई है उसे हमें बुझने से बचाना है। जामिया सिराजुल उलूम झण्डा नगर के नाजिम मौलाना शमीम अहमद नदवी ने अपने संबोधन में कहा कि मौलाना मदनी की खिदमात को जन जन तक पहुंचाने की ज़रूरत है। वो बहुत ही सरल, सादगी पसन्द, वतन से मोहब्बत करने वाले शख्सियत के मालिक थे।
जमीअत अहले हदीस नेपाल के अध्यक्ष मौलाना हारून ने कहा कि मौलाना मदनी ने नेपाल में जहाँ मुसलमानों की हालत इल्मी ऐतबार से बहुत ही बदतर है। बच्चियों को तालीम फ़राहम कराने का ज़िम्मा उठाया।
इस इल्मी सेमिनार को डॉ अबुज्जमा, वरिष्ठ पत्रकार कुत्बुल्लाह खान, अब्दुल हई मदनी, मौलाना खबीर आज़ाद झंडा नगरी, मौलाना अजीम, मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी, मौलाना खुर्शीद सल्फ़ी, मौलाना अब्दुल गनी अल कूफी आदि ने भी संबोधित किया।
इस मौके पर किफायतुल्लाह खान, डॉ अनवारुल हक खान, मौलाना मसूद अहमदए मोहम्मद अहमद, जुनैद फैसल, अब्दुल नूर, मौलाना जमाल शाह के अलावा बहुत से बुद्धजीवी मौजूद रहे।
इल्मी सेमिनार के पहले सत्र की अध्यक्षता मौलाना अब्दुर्रहमान मुबारकपुरी ने तथा दूसरी की मौलाना सलाहुद्दीन मकबूल अहमद ने की। सेमिनार का सञ्चालन अब्दुस्सबुर नदवी ने किया।