नवरात्र: भक्तों के मनवांछित मुरादें पूर्ण होती हैं माँ भद्रकाली धाम में
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। मुख्यालय के मधुकरपुर में बने जन आस्था के केंद्र माँ भद्रकाली धाम में सभी भक्तों के मनवांछित मुरादें पूर्ण होती हैं। सिंघेश्वरी मंदिर एवं योगमाया के अर्धवृत्त पर स्थित लगभग 400 साल पुराना यह धाम नवरात्रि में भक्तों के लिये आशीर्वाद का पुंज खोल देता है।
मंदिर के गर्भगृह में माँ लक्ष्मी, माँ गौरी, माँ सरस्वती के रूप में तीन प्राचीन पिंडियां जो लगभग 400 वर्ष प्राचीन हैं एक सीधी रेखा में स्थित हैं जिनको अब पीतल के सुंदर आवरण से संरक्षित कर दिया गया है ।
वर्ष के दोनों नवरात्र में मंदिर में कलश स्थापना एवं श्री दुर्गा सप्तशती का नवचंडी पाठ ग्राम के ही कैलाश मणि त्रिपाठी एवं उनके परिवार द्वारा विद्वान आचार्य पंडित उपेन्द्र नाथ पाण्डेय के द्वारा कराया जाता है।
नवरात्रि के नवमी तिथि को दूर दूर से भक्तजनों की भारी संख्या में माँ बक्त मंदिर प्रांगण में बने शतचंडी में प्रयुक्त हवन कुंड में हवन करने के पश्चात प्रसाद भंडारा ग्रहण करके तृप्ति प्राप्त करते हैं।