सदन में राजा भइया पर भड़के माता पांडेय, एक को कहा आप उसमें (दंगे में) शमिल रहे होगे?

December 18, 2024 12:45 PM1 commentViews: 1034
Share news

नजीर मलिक

विधानसभा में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय

सिद्धार्थनगर। गत दिवस उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुंडा के विधायक रधुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के वक्त्व्य पर नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय जम कर भड़क गये। उन्होंने राजा भइया के बोलने पर नियम का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष को घेर लिया। उनके बहराइच दंगे पर बोलने पर टोका टोकी हुई तो गुस्साए नेता विपक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्य पर यहां तक कटाक्ष कर दिया कि आप उसमें शामिल रहे होंगे, इसलिए अधिक जानते होंगे।

प्रदेश की असम्बली में चल रही चर्चा के दौरान संभल प्रकरण पर सदस्य गण चर्चा की मांग कर रहे थे। इस दौरान कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह सदन में बोलना शुरू किया। राजा भैया भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के तर्ज पर बोल रहे थे। उनका कहना था कि सर्वे से क्या फर्क पड़ता है। उन्होंने इतिहास के विपरीत एक बात यह भी कही कि हमने किसी के धर्मस्थल तोड़ कर अपने धर्मस्थल नहीं बनाये आदि आदि। इस पर नेता  विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने सवाल उठाया कि  नियम 56 के तहत जब ग्राह्यता पर बात होती है तो जो सदस्य पहले से नोटिस दिये होते हैं, केवल वही अपनी बात रख सकते हैं।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि क्या माननीय सदस्य (राजा भाइया) ने नोटिस दी थी। यदि नोटिस नहीं दी थी तो ग्राह्यता पर उन्हें कैसे बोलने दिया गया। उन्होंने सर्वे को गैरजरूरी बताते हुए यह भी कहा कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किसी धर्मस्थल का मौजूदा चरित्र नहीं बदला जा सकता तो इस सर्वे का क्या मतलब। इसका मतलब साम्प्रदायिकता को बढ़ाना और सौहार्द्र को कमजोर करना है।

इसके बाद माता प्रसाद पांडेय ने बहराइच दंगे पर बोलना शुरू किया और कहा कि वहां के थानाध्यक्ष ने एसपी को लम्बा पत्र लिख कर डेढ़ सेक्शन पैरा मिलेट्री और चीएसी की मांग की थी। थानाध्ध्यक्ष की इस मांग के बाद भी मौके पर पहले से पुलिस बल नहीं लगाया गया। बहराइच दंगा एक साजिश का परिणाम है। उनके बोलने के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जब टोका टोकी की और उनकी बात को गलत बताया तो नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भड़कते हुए एक सदस्य की चुटकी ली और कहा कि भाई हम कहां जानते हैं। आप इसलिए ज्यादा जानते हैं क्योंकि आप वहां रहे होंगे और उसमें (दंगे में) शामिल रहे होंगे।

उनके इस कटाक्ष से सदन में सत्ता पक्ष के लोग खामोश हो गये। इसके बाद उन्होंने बहराइच दंगे की गहराई से जांच की  मांग की। उन्होंने संभल के दंगे की जाच घोषणा का स्वागत करते  हुए कहा कि जांच कमीशन आफ इनक्वायरी एक्ट के तहत होनी चाहिए ताकि वह रिपोर्ट  की पटल पर भी आ सके। अंत में उन्होंने प्रदेश की समरस्ता बचाने की सरकार से अपील भी की।

 

 

 

 

Leave a Reply