यों ही नहीं कहते कि यमराज का ठिकाना बनता जा रहा मेडिकल कालेज?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की नीयत से जनपद मुख्यालय पर स्थापित मेडिकल कालेज अब यमराज का दूसरा ठिकाना बनता जा रहा है। मेडिकल कालेज के लापरवाह व लालची स्वास्थ्य कर्मी यमदूत सरीखे दिखने लगे है। यहीं कारण है आये दिन पीड़ितों की मौत के बाद उनके परिजन लापरवाही एवं पैसे की डिमांड करने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटते हैं। रविवार की रात सदर थानाक्षेत्र के परसा शाहआलम निवासी विशाल की मौत के बाद मृतक परिजनों ने पैसे की डिमांड पूरी न कर पाने के कारण गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते जमकर हंगामा किया और सोमवार को सड़क जाम व धरने पर उतरने को मजबूर हुए।
बवाल होना आम बात
हाल के दिनों में मौत के बाद बवाल होना मेडिकल कालेज में आम बात बन चुकी है। रविवार को देर शाम पुत्र के पेटदर्द का इलाज कराने मेडिकल कालेज के आपातकालीन वार्ड पहुंचे परसा शाहआलम निवासी राम गिरीश ने बताया कि आपातकालीन वार्ड में डयूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज शुरू करने के लिए पहले पैसे की डिमांड की। उन्होंने बात मानते हुए आनलाइन पैसा देने की बात कहीं। जिस पर स्वास्थ्य कर्मी भड़क गया और उसने गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे विशाल की मौत हो गयी।विशाल की मौत के बाद परिजनों ने बवाल मचा दिया। भीड़ का आक्रोश देख दोषी स्वास्थ्य कर्मी फरार हो गया।
छः महीनों में ऐसी 6 घटनाएं
विशाल की मौत पर परिजनों ने जो आरोप लगाये है, अगर जांच के बाद वह सही पाये गये तो यमराज के दूत बने ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को कत्तई बख्शा नहीं जाना चाहिए। वैसे विशाल की मौत तो लगातार हो रही मौतों की एक बानगी भर है पिछले 6 माह के भीतर आधा दर्जन मौत ऐसी हो चुकी है, जिसके बाद मृतक परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही और पैसे की डिमांड का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा। हर बार जिम्मेदारों ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया, मगर एक बार भी कार्रवाई नहीं हो पायी। लगातार मौतों के बाद लोगों के मुंह से बरबस यह निकलने लगा है कि मेडिकल कालेज यमराज का ठिकाना और कतिपय स्वास्थ्य कर्मी उनके दूत बन कर यहां पर इलाज कराने आये पीड़ितों के प्राण हर लेते हैं। इसलिए लोग अब कहने लगे हैं कि एक तरह से मेडिकल कालेज यमराज का ठिकाना बनता जा रहा है।
मेडिकल कालेज प्रशासन ने कहा
इस सिलसिले में मेडिकल कालेज के अधीक्षक डा. ए.के. झा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले की सच्चाई सामने आ जायेगी। अगर मामले में आरोप सही पाये गये, तो जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मी पर जरूर कार्रवाई करायी जायेगी।
पहले भी मौत पर हुआ था हंगामा, नहीं हुई थी जांच
माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में बीते तीन अक्टूबर को भी इंजेक्शन लगते ही मौत और रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे। हंगामा हुआ तो अफसर पहुंचे, लेकिन परिवार के लोग बिना पीएम कराए ही शव लेकर चले गए थे। उन्होंने लिखित शिकायत नहीं की और अफसरों ने स्वत: संज्ञान लेकर जांच नहीं की। करीब दो माह बाद विशाल की मौत के बाद भी ठीक वैसा ही आरोप लगा है। मगर इस बार मामला तूल पकड़ रहा है।