मेरी माटी मेरा गांव, पनघट संग पीपल की छांव: अगस्त क्रांति दिवस पर हुआ कवि सम्मेलन
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अगस्त क्रांति एवं भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के अवसर पर साहित्य सुधा संस्था के तत्वावधान में एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन हुआ। बुधवार शाम शहर के सनई स्थित होटल शुभम पैलेस में आयोजित काव्य गोष्ठी में जनपद के नामचीन कवियों एवं शायरों ने राष्ट्रप्रेम, एकता और भाईचारे को समर्पित रचनाएं प्रस्तुत कर वतन पर मर कुर्बान होने वाले शहीदों को नमन किया।
युवा कवि विजय कृष्ण नारायण सिंह का गीत मेरी माटी मेरा गांव, पनघट संग पीपल की छांव बहुत सराहा गया। नियाज़ कपिलवस्तुवी ने अपनी पंक्तियों ‘आ रही है यह सदा हर खेत से खलिहान से, देश की मिट्टी हमें प्यारी है अपनी जान से, के माध्यम से अपनी माटी अपने देश के प्रति समर्पण का सशक्त पैगाम दिया।
वरिष्ठ शायर एवं पत्रकार नज़ीर मलिक की अध्यक्षता और साहित्यकार नियाज़ कपिलवस्तुवी के संचालन में संपन्न काव्य गोष्ठी में कृष्ण कुमार मिश्रा, डॉ. रवि श्रीवास्तव, सलमान आमिर, सुजीत कुमार जायसवाल, डॉ. गोविंद प्रसाद ओझा “प्रेम”, डॉ. विनयकांत मिश्रा, दिलीप द्विवेदी, डॉ. सीमा मिश्रा, किरनलता सिंह, शब्बीरी, प्रदीप वर्मा, शिवसागर सहर, अमित शर्मा, जयप्रकाश दुबे, अनिरुद्ध मौर्या एवं डॉ. नरेंद्र पटेल आदि ने वीर रस, प्रेम एवं श्रृंगार रस तथा हास्य रस से ओतप्रोत रचनाओं से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
बतौर मुख्य अतिथि भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक ने शहीदों की याद में आयोजित काव्य गोष्ठी के लिए साहित्य सुधा परिवार की सराहना करते हुए ऐसे आयोजनों को राष्ट्रप्रेम की भावना के विकास के लिए आवश्यक बताया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सुनील मिश्रा, खंड विकास अधिकारी विजय कुमार मिश्रा, कर्मचारी नेता रामकरन गुप्ता, साहित्य सुधा के उपाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष पंकज पासवान, जर्नलिस्ट सद्दाम खान, परवेज़ खान और रेखा वरूण, शिक्षक कैलाशमणि त्रिपाठी, राम स्वरूप अग्रहरि आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।