मिजिल्स रुबेला के खिलाफ 28 नवम्बर से मदरसों में चलेगा टीकाकरण
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 28 नवम्बर को अपने मदरसों और शिक्षण संस्थान में विशेष रूप से प्रचार प्रसार करें, और 9 से 15 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण कराकर अभियान को सफल बनावे।
उक्त आशय जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने प्रेस सभी शिक्षण संस्थानों को जारी विज्ञप्ति में कहा है। उन्होंने बताया कि रुबेला को “जर्मन खसरा” के नाम से भी जाना जाता है, यह बीमारी रुबेला वायरस के कारण होती है।
यह रोग संक्रमित व्यक्ति की नाक और ग्रसनी से स्राव की बूँदों से या फिर सीधे रोगी व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है।आमतौर पर इसके लक्षण हल्के होते हैं, जैसे नवजात बच्चों में बुखार, सिरदर्द, संक्रामक चकत्ते और कान के पीछे या गर्दन की लसिका ग्रंथियों में वृद्धि होना। हालाँकि, कभी-कभी कोई लक्षण नहीं भी पाया जाता है।
हालाँकि, टीकाकरण द्वारा सीआरएस जैसी संक्रामक बीमारियों को प्रभावशाली ढंग से को रोका जा सकता है। गोवा, कर्नाटक, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी और तमिलनाडु में फरवरी माह से 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को इसका टीका दिया जाएगा। गौरतलब है कि यह नियमित टीकाकरण के अभियान का हिस्सा होगा।
विदित हो कि अब तक रुबेला का जो टीका लगाया जाता था वह बच्चे को जन्म के 9-12 माह या फिर 16-24 के अंदर ही लगाया जा सकता था, लेकिन इस नए विकसित किये गए टीके को 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को दिया जा सकेगा।