रहस्य गहरायाः सुमन जिंदा पाई गई, फिर वह कौन थी, जिसे सुमन की लाश बताया था?

December 17, 2024 12:41 PM0 commentsViews: 702
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जिस लाश को बाप ने अपनी बेटी की बताया वह एक माह बाद सही सलामत

जिंदा पाई गई,  फिर ग्राम अमौना में बोरे में बंद पाई गई लाश किसकी थी

 

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। 16 नवम्बर को डुमरियागंज थाना क्षेत्र के अमौना गांव में 18 वर्षीया युवती की लाश मिली थी। जिसे  त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के फूलपुर लाला निवासी बुधिराम ने अपनी बेटी की लाश बताते हुए एक युवक पर बहला कर ले जाने की आरोप लगाते हुए  उस पर हत्या करने का केस भी दर्ज कराया था। लेकिन गत 15 नवम्बर को डुमरियागंज पुलिस ने मृत बतााई  गई सुमन को अम्बेडकर जनपद से बरामद कर लिया। सुमन के जिंदा मिल जाने से ग्राम अमौना में मारी गई युवती को लेकर तमाम सवाल खड़े हो गये हैं। आखिर यदि अमौना में पाई गई लाश सुमन की नहीं थी तो किसकी थी। दसरा सवाल सह भी है कि आखिर सुमन के पिता बुधिराम ने पूरे घटनाक्रम को रहस्यमय क्यों बनाया?

इस रहस्यमय हत्याकांड को यों समझते हैं कि सुमन अपने गांव फूलपुर लाला से 11 नवम्बर को कथित तौर पर गायब हुई, मगर उसके पिता ने इसकी  सूचना पुलिस को नहीं दी। फिर 16 नवम्बर को ग्राम अमौना पांडेय  में एक 18 वर्षीया युवती की लाश पाई गई। लाश बोरे में बंद थी। उसकी हत्या की गई थी। इस युवती की शिनाख्त के लिए पुलिस कोशिश करती रही। अचानक 23 नवम्बर को त्रिलोकपुर थाने के फूलपुर निवासी बुधिराम चौरसिया ने डुमरियागंज पुलिस को बताया की मृत युवती की लाश उसकी बेटी सुमन चौरसिया की है। बुधिराम ने लाश के कपड़े आदि को भी पहिचाना। उसने बताया कि उसकी बेटी का मोबाइल भी था। जो मौके पर नही मिला था। पुलिस ने नम्बर चेक किया तो वह बंद पाया गया। जांच कर हत्यारे को पकड़ने के उद्देश्य से  उसका मोबाइल सर्विलांस पे डाल दिया गया।

अचानक चार दिन पहले पता चला कि सुमन का फोन एक्टिव हुआ है। पुलिस को लगाा कि अब सुन का हत्यारा उसकी गिरफ्त में होगा।  सर्विलास के माध्यम से डुमरियागंज पुलिस ने फोन के लोकेशन पर दबिश दिया। उसे उम्मीद थी कि वहां हत्यारे का सुराग मिलेगा मगर जब वह मौके पर पहुंची पुलिस को वहां हत्यारे की जगह खुद जीती जीगती सुमन चौरसिया मिली। सुमन के जिंदा होने से अब एक नया सवाल खडा हो गया है कि जब वह जिंदा है तो उक्त ग्राम अमौना में मिली मृत युवती कौन थी, जिसे सुमन बताया गया था। सुमन ने क्यों घर छोड़ा था, वह अकेले गई थी या कोई लेकर गया था? बोरी में मिली लाश किसकी थी? पुलिस को इन सवालों को जवाब ढूंढ़ना होगा? हालांकि, सुमन से बात नहीं हो पाई है। इस मामले में पुलिस भी कोई जानकारी नहीं दे सकी। उसने बताया कि मेडिकल जांच कराने के साथ उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उसका बयान दर्ज होगा।

यही नहीं  अमौना पांडेय में मिली लाश का फोटो, कपड़ा आदि देखने के बाद भी पिता बुधिराम बेटी को क्यों नहीं पहचान पाया।  क्या उसने जानबूझ कर ऐसा किया, उसने इस मामले में प्रेम प्रसंग का रंग क्यों किया और सबसे बड़ा सवाल यह कि सुमन के बजाये वह लडकी कौन थी और कहां की थी? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो पूरे प्रकरण को एक सुनियोजित हत्या की ओर भी इशारा करते हैं। अब डुमरियागंज पुलिस के सामने इस केस के खुलासे की चुनौती है। देखना है कि किस रहस्य का पर्दाफाश होता है।

 

 

 

 

 

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