मुहर्रम/दुर्गापूजा में डीजे बजा कर उड़ाते रहे योगी सरकार का मजाक, प्रशासन बना रहा भीगी बिल्ली
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सरकारी रोक के फरमान के बाद भी जिले में प्रतिमा विसर्जन एवं मुहर्रम पर अफसरों के सामने जम कर डीजे बजाया जाता रहा और अफसर मूक दर्शक बने रहे रहे। हलांकि सरकार की तरफ से ऐसा नहीं होने देने के सख्त आदेश थे। फिर भी डीजे बजे और जम कर बजे। इससे सरकार और प्रशासन दोनों के इकबाल पर धब्बा लगा। योगीराज में कानून का इस तरह मजाक बनने पर बौद्धिक हलकों में व्यापक चर्चा हो रही है।
इस बार जनपद के विभिन्न हल्कों में विजय दशमी और मुहर्ररम एक दिन के अंतराल पर मनाया गया। दुर्गा पूा के प्रतिमा विसर्जन और मुहर्रम में इस बार डीजे बजाने पर सख्त पाबंदी थी, लेकिन दोनों अवसरों पर सरकर के फरमान की जम कर धज्जियां उड़ीं। डीजे से लदे वाहनों के कानफोड़ू आवाज से लोग परेशान होते रहे। इन जुलूसों की सुरक्षा व्यवस्था में लगी पुलिस खामोशी से कानून व्यवस्था के साथ मजाक होते देखती रही।
शोहरतगढ़, बढ़नी, बांसी, इटवा और डुमरियागंज जैसे कस्बों को छोड़ दें तो सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर हालात बेहद खराब रहे। यहां न केवल डीजे बजे बल्कि लोगों ने ऐसे कैसेट भी बजाये जिसे दूसरे पक्ष की भावनाओं को चोट पहुंच सकती थी। इन गानों से अगर विवाद होता प्रशासनको लेने देने पड़ जाते। वह तो अच्छा रहा कि लोगों ने इसे अनसुना कर दिया।
इस बारे में सपा के पूर्व विधायक विजय पासवान का कहना है कि इस सरकार में कानून और व्यवस्था घ्वास्त हो चुकी है। पूर्व की सपा सरकार ने भी डीजे पर पाबंदी लगाई थी तो उसे किसी भी पर्व पर बजने नहीं दिया था। मगर इस बार अवांछनीय तत्वों ने इस आदेश की खुले आम धज्जियां उडा कर सरकार और प्रशासन को लाचार बना दिया।