सिद्धार्थनगर के विकास के शिल्पी के रूप में याद किये जाएंगे मुलायम सिंह यादव

October 11, 2022 12:46 PM0 commentsViews: 390
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जिला अस्पताल, कलक्ट्रेट आदि भवनों समेत सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की स्थापना में रहा नेता जी का योगदान,

सपा शासन काल में हुआ मेडिकल कलेज स्वीकृत, डुमरियागंज में बना विशाल वेयर हाउस

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।  समाजवाद के पुरोधा औऱ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सिद्धार्थनगर ज़िले के  विकास के मुख्य शिल्पी के रूप  याद किये जायेंगे। उन्होंने ज़िले में आधारभूत विकास की आधार शिला रखी। यह एक ऐसा सच है जिसे ज़िले में सपा के विरोधी भी स्वीकार कर रहै हैं। उनके निधन पर लोग सम्वेदनाएँ व्यक्त कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सिद्धार्थनगर ज़िले का सृजन 29 दिसंबर 1988 को तत्कालीन मुख्यमंत्री  नारायण दत्त तिवारी ने किया था। वे अभी ज़मीनों का अधिग्रहण ही कर पाए थे कि उनकी सरकार चली गई और 1989 में मुलायम सिंह  मुख्यमंत्री बनें। उस समय यहां मुख्यालय निर्माण के लिए ली गई ज़मीनों का अधिग्रहण विवादित हो गया था।

मुख्यमंत्री बनते ही मुलायम सिंह ने सबसे पहले ज़मीन का मुआवजा बढ़ा कर किसानों को संतुष्ट किया और उसके बाद कलक्ट्रेट सहित अन्य सरकारी विभागों की आधारशिला रखी और धन आवंटित कर दिया। इसके पश्चात स्वास्थ्य मंत्री के रूप में माता प्रसाद पांडेय ने जिला स्पताल का शिलान्यास किया। तभी जनता दल टूट गया और सरकार गिर गई। सरकार का गिरना था कि सारे विकास कार्य भी ठप हो गए।

1993 में वे दूसरी बार सीएम बने तो ज़िले के सपा नेता माता प्रसाद पांडेय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बने। माता प्रसाद पांडेय बताते हैं कि सीएम पद की दुबारा शपथ लेते ही मुलायम सिंह यादव जी ने सिद्धार्थनागर के ठप पड़े विकास की समीक्षा की और धन आवंटित कर सभी सरकारी भवनों को पूरा कराया और 1995 में उन  भवनों के बन जाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने ही हाथों से उद्घघाटन भी किया।

अपने  तीसरे कार्यकाल में सिद्धार्थनगर ज़िला मुख्यालय को  राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिए सिद्धार्थनगर-बस्ती व बस्ती बढ़नी मार्ग को राजमार्ग के रूप में स्वीकृत किया और इस मार्ग का निर्माण कराया। इससे पूर्व वे डुमरियागंज तहसील मुख्यालय के पास बढ़नी में एक वेयर हाउस का निर्माण कराया।  यही नहीं जब 2012 का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया तो विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के अनुरोध पर नेता जी ने अखिलेश यादव को सिद्धार्थनगर में विश्वविद्यालय बनाने का निर्देश दिया। इसके बाद उसी कार्यकाल में वह विश्वविद्यालय बन कर तैयार भी हो गया।

माता प्रसाद पांडेय ने कहा

इस संदर्भ में माता प्रसाद पांडेय कहते हैं कि नेता जी मुलायम सिंह  को ही जनपद को सजाने का श्रेय जाता है। श्री पांडेय कहते हैं कि अगर वह न होते तो सिद्धार्थनगर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र मे फिसड्डी होता। क्यों कि जिले के मेडिकल कालेज की स्वीकृति भी सपा शासनकाल में ही हुई थी। इसलिए नेता जी को निश्चित रूप से जिले का शिल्पी कहा जाएगा।

इरफान मलिक बताते हैं

मुलायम सिंह के बेहद करीबी रहे ज़िले के पूर्व मंत्री स्व. कमाल यूसुफ के पुत्र इरफान मलिक बताते हैं कि  नेता जी अपनी राजनीति के आधा दर्जन बार यहां आए और हर बार ज़िले के विकास के लिए कोई न कोई सौगात देकर ही गए। पूर्व नपा चेयरमैन और भाजपा नेता एसपी अग्रवाल कहते हैं कि जिला बनने से पहले सिद्धार्थनगर नौगढ़ नाम का एक छोटा सा कस्बा था, मगर मुलायम सिंह जी ने मात्र एक दशक के भीतर इसको विकसित क्षेत्र में बदल दिया, जिसके लिए सारा ज़िला उनका कृतज्ञ है।

फिलहाल सपा के इस पुरोधा के निधन पर यहां राजनीतिक हलकों में व्यापक शोक है। हर कोई उनके कृतित्व के बखान में लगा है। सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, पूर्व विधायक अनिल सिंह, विजय पासवान, बेचई यादव, जिलाध्यक्ष लालजी यादव, नगरपालिका बासी के अध्यक्ष इदरीस राइनी, पूर्व अध्यक्ष चमनआरा राइनी आदि ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित किया है।

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