जिले की ड्रग सुंदरी मुन्नी देवी की 9 साल बाद जेल से रिहाई, भगवान बन कर आये विधायक विनय वर्मा
मुन्नी देवी की अनेक रहस्मय कहानियां थीं चर्चित, कोई ड्रग माफिया कहता तो कोई सेक्स क्वीन, मगर उसकी मदद को कोई न आगे आया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। रहस्यमय चरित्र की मालिक और ड्रग संदरी कही जाने वाली मुन्नी देवी अपनी सजा की अवधि पूरी कर गुरुवार शाम 7 बजे जिला जेल से बाहर आ गई। अपने समय में अभिनेत्री सरीखी सुंदर और स्मार्ट मुन्नी देवी की रिहाई शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने उसका बकाया अर्थदंड राशि 42 हजार रुपये अपने पास से जमा कर उसे सलाखों से 9 साल बाद आजाद कराया। वर्ना अभी उसे एक वर्ष और जेल में रहना प़डता। इससे पहले वह रूप की रानी के नाम से चर्चित रहा करती थी।
50 साल की उम्र में जेल गई शोहहरतगढ़ निवासिनी मुन्नी देवी के बारे में अनेक कहानियों ने मिथक का रूप ले रखा था। कोई उसे ड्रग तस्करों का लीडर कहता तो कोई रूप की रानी अथवा सैक्स रैकेट का हेड बताता। मुन्नी देवी के पति उसे छोड़ कर अचाानक कहीं गायब हो गये थे। वह अपने दो बच्चों को किसी तरह पाल रही थी। समाज में ऐसी महिला कमजोर और सबके निशाने पर होती है। यही मुन्नी देवी के साथ हो रहा था।
मुन्नी देवी एक महिला थी। पति विहीन महिला वैसे भी समाज की नजरों में हेय होती है। वह जहां भी जाती है उसके पीछे रुसवाइयों के साये भी चलते जाते हैं। यही मुन्नी देवी के साथ भी हो रहा था। उसकी जिंदगी में एक भटकाव था। अचानक 30 जून 2014 को वह ड्रग तस्करी के एक पुराने मामले में 9 साल की सजा पा गई। मुन्नी देवी जेल चली गई। उसकी बेटी की मदद करने वाला समाज में कोई आगे न आया।
9 साल जेल में बिता चुकी मुन्नी देवी को अभी 90 हजार जुर्माना चुकाना था। पैसे न होने के कारण उसे करीब एक साल की सजा और काटनी थी। वह सजा काट भी रही थी कि दो दिन पहले विधायक विनय वर्मा एवं उनकी पत्नी बबिता वर्मा महिला कैदियों, बंदियों में उपहार बांटने गए थे। उसी दौरान सजा काट रही मुन्नी अपनी आंखों में आंसू लिए हुए खड़ी थी। पूछने पर बताया कि दिसंबर में उसकी बेटी की शादी तय है, लेकिन अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पाने के कारण वह सलाखों के पीछे है।
बेटी की शादी के लिए शासन में पेरोल के लिए पत्र भेजा गया है। आप मदद कर देंगे तो बेटी के हाथ पीले करने में बड़ी मदद मिल जाएगी। उसकी मूल सजा नौ साल थी, जबकि 90 हजार रुपये अर्थ दंड नहीं जमा हो पाने की स्थिति में वह एक वर्ष दो माह की अतिरिक्त सजा भुगत रही थी। यदि अर्थदंड की राशि जमा न होगी तो उसे करीब 7 माह और भी जेल में रहना होगा। अतः विधायक वर्मा ने जुर्माना भर कर रिहा कराने की औपचारिकता पूरी कर दी। नतीजे में वह गुरुवार शाम को रिहा हो गई। वह कहती है कि विधायक जी तो उसके लिए भगवान बन कर आये हैं।
मुन्नी देवी की यह कहानी बताती है कि युवा अवस्था में वैधव्य के संकट का दुख क्या होता है। यही नहीं मुन्नी देवी की को जेल से बाहर लाने के लिए विधायक विनय वर्मा द्वारा की गई निस्वार्थ सेवा भी अन्य राजनीतिज्ञों के लिए अनुकरणीय है। अब मुन्नी देवी घर पहुंच चुकी है। दिसम्बर में उसकी बेटी की शादी है। उसके बाद वह अपने नये जीवन की दिशा तलाश करेगी।