Murder mistry: 11वीं की छात्रा संध्या का कत्ल प्रेमी ने किया या मामला आनर किलिंग का है
मौत से उठे कई अहम सवाल? प्रेमी युगल में बरकरार थी विश्वास की डोर, एक बार पुलिस द्धारा पकड़े जाने के बाद भी नहीं हुए एक दूसरे से अलग
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शोहतगढ़ थाने के ग्राम खरगवार की कक्षा 11 की छात्रा संध्या प्रजापति की हत्या का मामला बहुत उलझा सा प्रतीत होता है। हालांकि कत्ल के इस केस में संध्या का कथित प्रेमी अंकित उपाध्याय नामजद आरोपी होकर पुलिस हिरासत में है, परन्तु हालात और ग्रामीण दोनों ही उसके कातिल होने पर सहमत नहीं हो पाते। इसके विपरीत इस हत्या के पीछे आनर किलिंग अथवा अन्य दूसरे कारण की संभावना अधिक नजर आ रही है।
क्या है घटना का ताना बाना
गौरतलब है कि संध्या शुक्रवार को सुबह परीक्षा देने गांव के निकट शिवपति इंटर गई थी। उसी दिन संध्या के पिता प्रहलाद प्रजापति काम धंघे के लिए मुम्बई रावाना हो गये थे। संध्या जब शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके परिजनों ने उसे इधर उधर ढूंढा और फिर सो गये। बताते हैं कि शनिवार की सुबह संध्या की लाश उसके घर से थोड़ी दूर आम के बाग में मिली। प्रथम दृष्टतया उसे गला घोंट कर मारा गया लगता था। उसके पीठ पर स्कूल बैग चिपका हुआ था। कपड़े भी ठीक थे। जाहिर है कि उसके साथ कोई अनहोनी घटना नहीं हुई थी। लड़की की मां माधुरी ने गांव के युवक अंकित उपाध्याय पर बेटी की हत्या का आरोप लगाया। फिलहाल अंकित पुलिस हिरासत में है।
संध्या अंकित में मजबूत थी सम्बंधों की डोर
वैसे यहां बता दें कि अंकित और संध्या का लव अफेयर काफी लोगों को मालूम था। अभी कुछ दिन पहले वह भागने के प्रयास में पलटा देवी के पास पुलिस द्धारा पकड़े भी गये थे। इससे यह साबित होता है कि दोनों के बीच प्रेम संबंधों की डोर काफी मजबूत थी। यानी अंकित द्धारा संध्या के कत्ल का कोई प्रत्यक्ष कारण नजर नहीं आता। संध्या के पीछे अन्य कोई लड़का भी नही पड़ा था, जिससे कि उसी प्रतिद्धंदिता में संध्या की हत्या की पृष्ठिभूमि तैयार हो सकती हो। तो फिर संध्या की मौत की क्या वजह हो सकती है? क्योंकि जब तक हत्या का मोटिव सामने नहीं आयेगा, तब तक वास्तविक कातिल की तालाश नामुमकिन है।
आनरकलिंग की संभावनाएं दोनों तरफ से
दरअसल इस मामले की जांच में आनरकिलिंग को भी बिंदु बनाना गैरमुनासिब न होगा। इस प्रेम प्रसंग में दोनों की जातियां असमान थीं। युवक अंकित उपाध्याय जहां ब्राहमण था वहीं संध्या प्रजापित कुम्हार जाति से ताल्लुक रखती थी। दोनों की शादी भी सामाजिक दृष्टि से दुष्कर थी। वैसे भी गांव में जातीय असमानता सबे बड़ी बुराई मानी जाती है। यही कारण है कि संध्या के परिजन इसे लेकर नाराज रहा करते थे। दूसरी तरफ ब्राह्मण समाज भी इसे मुश्किल से स्वीकार पाता है। ऐसी हालत में दोनों परिवारों में से किसी एक ने जातीय स्वाभिमान से ग्रसित होकर यह कदम उठा लिया हो, यह आशंका खारिज नहीं की जा सकती। वैसे आनरकिलिंग की ज्यादातर घटनाएं ल़ड़की पक्ष से ही की जाती हैं। लेकिन इससे लड़के का पक्ष इस आशंका से बरी नहीं हो सकता है। संभावनाएं दोनों तरफ की बनती हैं।
काफी महत्व पूर्ण हैं यह सावाल
वैसे स्कूल से गांव आते समय संध्या को किसी ने उसे देखा हो, पुलिस को इसकी छानबीन करनी चाहिए। संध्या के भाई गायब होने की रात उसकी खोज में बाग की तरफ गये थे या नहीं तथा सुबह बाग में संध्या का शव सबसे पहले उसके भाई ने ही किन हालात में देखा? यही नहीं संध्या के पिता क्या घटना के दिन यानी शुक्रवार को वाकई मुम्बई रवाना हुए थे या नहीं? इसकी भी छानबीन जरूरी है। यह सब सवल काफी महत्वपूर्ण हैं। शोहरतगढ़ पुलिस इन सवालों का जवाब पाकर ही असली कातिल तक पहुंच सकती है।