नाबालिग से दुष्कर्म के अपराध में बीस साल कठोर कारावास की सजा, पचास हजार जुर्माना
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट बीरेंद्र कुमार की अदालत ने अवयस्क लड़की से दुष्कर्म के अपराध में साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त इरफान अहमद को दोषी ठहराते हुए बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है जिसे न अदा करने की स्थिति में 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। वह कठेला समय माता थाना क्षेत्र के देईधापार गांव का रहने वाला है।
घटना कठेला समय माता थाना क्षेत्र के एक गांव की है जो 12 अप्रैल 2023 को घटित हुई थी। अभियोजन कथानक के अनुसार 12 वर्षीय पीड़िता लड़की की मां ने पुलिस को लिखित देते हुए कहा कि वह हरिजन बिरादरी की है 12 अप्रैल 2023 की रात करीब 9 बजे घर से बाहर उसकी लड़की शौच करने गई थी। काफी देर बीतने के बाद जब वह घर पर नहीं आयी। काफी देर बीतने के बाद वह परिवार व गांव के तमाम लोगों ने लड़की को दूढना शुरू किया परन्तु वह नहीं मिली। करीब 12 बजे रात में लड़की घर वापस आयी। पूछने पर बताने लगी कि शौच जाते समय रास्ते में इरफान पुत्र घुटवे मिल गया और जबरदस्ती पकड़कर डरा धमकाकर उसके साथ पुल के पास दुष्कर्म किया।
विवेचना के बाद अवयस्क बच्ची से दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, जानमाल की धमकी एवं दलित उत्पीड़न के अपराध में अभियुक्त इरफान के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर अभियुक्त के विरुद्ध आरोप विरचित किया जिससे उसने इंकार करते हुए विचारण की मांग किया। न्यायालय ने मामले का विचारण किया और विचारण की समाप्ति पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुना।
इसके बाद दण्ड के विषय पर सुनवाई करते हुए उसे बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए उसपर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया जिसे अदा ना करने की दशा में उसको 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने आदेशित किया कि प्रतिकर की धनराशि का 90 फीसदी पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति प्रदान किया जाए इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के तहत पीड़िता राज्य सरकार से भी अधिकतम क्षतिपूर्ति पाने की अधिकारिणी है। पीड़ित पक्ष की पैरवी राज्य सरकार की तरफ से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक पवन कुमार कर पाठक ने किया।





