सिद्धार्थनगरः नगरपालिका चुनाव के टिकट के लिए बिछने लगीं सियासी गोटियां, बाहरी भी बने दावेदार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। स्थानीय नगरपालिका में चुनाव की आहट गूंजने लगी है।सभी दलों से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार सियासी शतरंज की बिसात पर अपने मोहरे सजाने लगे हैं। कोई दल के बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा में लगा है तो कोई पैसे के प्रभाव से अपना पक्ष मजबूत कर रहा है। शहर में समाजवादी पार्टी के टिकट का अपना महत्व है। इस दल से टिकट मांगने के लिए रोमांचक प्रयास जारी हैं। शातिराना चाले चली जाने लगी हैं। एक दूसरे की काट के लिए भी रणनीतियां बनने लगीं हैं।
वैसे देखा जाये तो समाजवादी पार्टी से एक मात्र दावेदार के रुप में पूर्व चेयरमैन एसपी अग्रवाल हैं जो सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर अपनी पत्नी कुसुम अग्रवाल को लडाना चाहते हैं। कुसुम अगवाल पहले भी इस पद पर रह चुकी हैं और वह एक मजबूत उम्मीदवार साबित होंगी। उन्हें व उनके पति को नगर पालिका चलाने का अनुभव भी है। इसके अलावा सपा में इस पद के लिए उनकी कद काठी का कोई चेहरा भी नहीं है।
कुसुम अग्रवाल के मुकाबले सपा में भले ही दूसरा चेहरा न हो, लेकिन पार्टी से बाहर के दोयुवा उन्हें पूरी चुनौती दे रहे हैं।वे बाहरी होकर भी टिकट की दावेदारी की होड़ में लग गये हैं। इनमें एक चेहरा वैश्य समाज के संजय कसौधन हैं। संजय कसौधन को जिले के एक सपा नेता का संरक्षण भी है। फिलहाल वह अपने आपको समाजवादी घोषित कर चुके हैं। अनुमान है कि वह जल्द ही सपा में विधिवत शामिल कर लिए जायेंगे।
संजय कसौधन युवा व्यापारी नेता हैं। वह व्यापार मंडल के अध्यक्ष भी हैं। आर्थिक रुप से भी मजबूत हैं। इन्हें समाजवादी पार्टी में एकसपी अग्रवाल के विरोधियों का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। उनकी रुचि संजय कसौधन को जिताने में कम एसपी अग्रवाल को टिकटसे वंचित करने में ज्यादा है। यह गुट लखनऊ में भी अखिलेश दरबार में एसपी अग्रवाल के खिलाफ फीडबैक देने के प्रयास में लगा हुआ है। संजय कसौधन हौसले वाले हैं मगर अनुभवहीन हैं। टिकट के संदर्भ में यह उनकी कमजोरी साबित हो सकती है।
बसपा में रह कर मांग रहे सपा का टिकट
सपा के टिकट का एक अन्य दावेदार चेहरा भी बहुत सशक्त है। हालांकि वह इस वक्त बहुजन समाज पार्टी में हैं, मगर राजनीति में उनका उदय सपा में रह कर ही हुआ। सपा में उनके अच्छे सम्पर्क है। बसपा में होने के बाद भी वह पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद के खासुल खास हैं। उनके बारे में सूत्रों का कहना है कि वह टिकट के लिए हरी झंडी पाते ही वह बसपा त्याग कर सपा में पुनः शामिल हो जायेंगे। लेकिन उनके सपा में शामिल होने का एक गुट विरोध भी कर रहा है। शोहरतगढ़ से विधायक प्रत्याशी रह चुके उग्रसेन सिंह साफ कहते हैं कि पार्टी से दगा करने वालों को टिकट देना घातक होगा।
माता प्रसाद की भूमिका महत्वपूर्ण
जिले की सभी नगर निकायों के टिकट वितरण में सपा के अति वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एक तो वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सीधे सम्पर्क में रहते हैं दूसरे सपा जिला अध्यक्ष उनके ही बनाये हुए हैं। हांलाकि माता प्रसाद ने अभी अपने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर सूत्र बताते हैं कि वे तीनों चेहरों को टिकट का अश्वासन दे रहे हैं। लेकिन आखिर में वे जिसके पक्ष में खड़े होंगे यह देखने वाली बात होगी।