नगर निकायों के 14 करोड़ के विकास कार्य प्रभावित, सफाई कर्मियों को वेतन तक नहीं
नजीर मलिक
निकायों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खाता संचालन बंद होने से मुख्यालय समेत जिले की सभी छह नगरनिकायों के विकास कार्य ठप हो गए हैं। ठेकेदारों का भी रनिंग भगतान न हो पाने के कारण तकरीबन14 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ 1100 नगर कर्मियों को जनवरी में वेतन नहीं मिल पाया है। इस कारण स्वच्छता व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
एक माह से अधिक समय से खाता संचालन बंद होने से भुगतान नहीं हो पा रहा। इससे अधूरे कार्य तो बंद हुए ही है, निकाय कर्मियों एवं सफाई कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है। एडीएम और ईओ के संयुक्त खाता संचालन के नए शासनादेश के बाद इनके हस्ताक्षर अभी बैंक में प्रमाणित नहीं हो सके हैं।
शासन से पहले नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर ईओ और अकाउंटेंट के संयुक्त हस्ताक्षर से खाता संचालन के निर्देश थे, जो बाद में बदल गए। नए शासनादेश के अनुसार, एडीएम और ईओ के संयुक्त हस्ताक्षर से खाता संचालन होना है। हालांकि, अब तक किसी नगर निकाय के खाता संचालन शुरू नहीं हो सका है।
नगर पालिका सिद्धार्थनगर के बोर्ड का कार्यकाल 12 दिसंबर को समाप्त हो गया। शासन के निर्देशानुसार ईओ और अकाउंटेंट के संयुक्त हस्ताक्षर से खाता खुला, लेकिन कोई भुगतान होने से पहले ही नया शासनादेश आ गया, जिससे अब तक नगर निकाय कर्मियों और सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है। साथ ही विकास कार्यों के लिए होने वाला भुगतान नहीं हो सका है।
यही हाल बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नगर पालिका बांसी, नगर पंचायत उसका, शोहरतगढ़, बढ़नी, डुमरियागंज में भी है, जहां खाता संचालन शुरू नहीं हो सका है। नवसृजित पांच नगर पंचायत कपिलवस्तु, बिस्कोहर, इटवा, भारतभारी व बढ़नीचाफा में पहले से ही एडीएम व ईओ (प्रशासक) के संयुक्त हस्ताक्षर से खाता संचालन हो रहा है। इस बारे में एडीएम उमाशंकर का कहना है कि खाता संचालन के लिए बैंक में हस्ताक्षर प्रमाणित कराने को भेजा जा रहा है। जल्द ही सभी नगर निकायों के खाते संचालित हो जाएंगे।