नगर निकाय चुनावः प्रत्याशियों का चयन नहीं, लेकिन सडकों पर दौड़ने लगे दावेदारों के प्रचार वाहन
भाजपा और सपा के टिकट के दावेदारों ने जोर शोर से शुरू किया चुनाव प्रचार, नागरिकों की शांति में खलल, विरोध के स्वर उभरे
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। नगर निकाय चुनाव का मामला अदालत में है। कोई फैसला २०दिसम्बर को आना है। अभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों का चयन तक नहीं किया है, इसके बावजूद राजनीतिक दलों से टिकट की प्रत्याशा रखने वाले तमाम दलों के दावेदारों ने अपने आप को पार्टी का प्रत्याशी बताते हुए अपने प्रचार वाहनों को क्षेत्र में दौड़ाना शुरू कर दिया है। इस कारण यहां जिला मुख्यालय पर समय से पूर्व ही चुनावी माहौल बन गया है।
जिला मुख्यालय पर विभिन्न राजनतिक दलों से नगर निकाय चुनाव के दावेदारों ने अपने प्रचार वाहन के माध्यम से चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। इन पर लगे लाउडस्पीकरों द्धारा टिकट के दावेदारों को बाकायदा प्रत्याशी बता कर वोट की अपील की जा रही है । इसके अलावा बाकायदा गीतों के कैसेट भी बजाये जा रहे हैं।इस बार मुख्यालय की नगरपालिका महिलाओं के लिए रिजर्व है। इसलिए अनेक चुनावबाज अपने परिवार की महिलों के नाम पर चुनाव प्रचार करा रहे है।
नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन व सपा नेता जमील सिद्दीकी अपनी पत्नी माविया सिद्दीकी के नाम से चुनाव प्रचार में में जुट गये हैं। उनके प्रचार वाहन सुबह से ही नगर के विभिन्न वार्डो में घूमने लगते है। सपा के ही एक और नेता गणेश लोधी के प्रचार वाहन नगर में जोर शोर से दौड़ रहे हैं। जिनमें गणेश की पत्नी सुनीता लोधी को सपा प्रत्याशी बता कर जनता से वोट की अपील की जा रही है। सपा के एक अन्य दावेदार का प्रचार वाहन नगर में जम कर दौड़ भाग करते देखा जा रहा है।
प्रचार के इस रेस में सत्ताधारी दल भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा से टिकट के कई दावेदारों के भी प्रचार वाहन सियासी महाभारत के रण् में कूद गये हैं। उदाहरण के लिए भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व ब्लाक प्रमुख संजू सिंह पत्नी राजू सिंह, दावेदार गुड्डू त्रिपाठी के सजे संवरे प्रचार वाहन से उनकी पत्नी नीलम त्रिपाठी के नाम से चुनाव प्रचार किया जा रहा है। इसके अलावा टिकट के एक अन्य दावेदार गणेश दत्त त्रिपाठी का प्रचार वाहन उनकी पत्नी के नाम से वोट मांगते देखा जा सकता है। भाजपा से की की दावेदारी कर रहे एक अन्य नेता का प्रचार वाहन जोर शोर से स़ड़कों पर दौड़ते देखा जा सकता है।
कुल मिला कर चुनाव की घोषणा न होने के बावजूद जिला मुख्यालय का माहौल पूरी तरह से चुनावी बन गया है। हर तरफ प्रचार वाहनों पर चीखते भोंपू न केवल ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे है वरन राजनतिक आचार संहिता की खुले आम धज्जियों उड़ा रह हैं। इस सम्बंध में नगर निवासी प्रोफसर गणेश पांडेय का कहना है कि चुनावबाजो का यह कृत्य राजनीतिक शुचिता व आजार संहिता के खिलाफ तो है ही कानून की ष्टि से भी अपराध है।किसी को नागरिकों की शांति से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।