नगर निकाय चुनाव की तीन सीटों गूंज रही रही बसपा के हाथी की चिंघाड़, कड़े मुकाबले में भाजपा

April 29, 2023 2:39 PM0 commentsViews: 897
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भारतभारी से बसपा के अजीजुल्लाह, डुमरियागंज से शाजिया और शोहरतगढ़ से मनोज मित्तल दे रहे चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर

नजीर मलिक

डुमरियागंज में शाजिया के पति अतीक चुनावी मुहिम चलाते हुए

सिद्धार्थनगर। चुनाव प्रचार के प्रथम चरण में जिले की 11 नगर निकाय की अधिकांश सीटों पर फिलहाल सपा भाजपा की सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। मगर तीन निकाय ऐसी भी है जहां बसपा के हाथी की चिंघाड़ विरोधियों के हौसले कमजोरकिये हुये हैं। चुनाव में अभी 12 दिन शेष हैं अभी तमाम समीकरण बनने बिगड़ने वाले भी हैं। मगर राजनीतिक युद्धनीति का महत्वपूर्ण अंग माने जाने वाले बसपा के हरावल दस्तों ने तीन मैदानों में विरोधियों के अग्रिम दस्तों (प्रचार टोली) को बहुत पीछे ढकेल रखा है।

डुमरियागंज में बसपा की धमक

जिले की नगर पंचायत डुमरियागंज, भारतभारी और नगर पंचायत शोहतगढ़ मेंसिम्बल पाने के बाद से ही चुनाव प्रचार शबाब पर पहुंच गया है। डुमरियागंज में बसपा नेता अतीकुर्रहमान की पत्नी श्रीमती शाजिया रहमान के समर्थन में हाथी निशान वाली पल्टन मैदान में पूरी धमक बिखेर रही है। इनका मुकाबला भाजपा नेता मधुसूदन अगहरि श्रीमती बीना देवी अग्रहरि से है।  पिछले चुनाव में अग्रहरि बसपा से पराजित हुए थे। तब बसपा से जफर अहमद जीते थे जो अब सपा है और उनकी अनुज बहू कहकशां परवीन सपा से उम्मीदवार है। मगर जफर की आरामतलबी तथा जनता से दूर होने के कारण सपा यहां बहुत कमजोर और वोटकटवा की हैसियत से गुजर रही है। भाजपा एक ताकतवर पार्टी है। उसके पास धन बल दोनों है मगर शाजिया के पति अतीक की संघर्षशील छवि उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। पिछली बार भाजपा के बागी प्रत्याशी ने भाजपा के पराजय की पटकथा लिखी थी। इस बार भी वहीं खतरा भाजपा के सामने है।फिलहाल पहले चरण में बसपा आगे दिखाई दे रही है।

बसपा नेता अजीजुल्लाह जनसम्पर्क करते हुए

भारतभारी में बन रहे जीत के समीकरण

नगर पंचायत भारत भारी में तो अभी से घमासान मचा हुआ है। यहां बसपा प्रत्याशी अजीजुल्ला की आशा में बसपा का पूरा खेमा ही भारत भारी में लंगर डाल डाले हुए है। बसपा के सारे दलित वर्कर सहित बसपा नेता इरफान मलिक के दिशा निर्देशन में कार्यकर्ता एक एक गली की खाक छान रहे हैं। यह क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है। यहां का मुस्लिम वोटर पारंम्परिक रूप से सपा को बोट देता रहा है। मगर गत विधानसभा चुनाव के बाद से हालात बदले हैं। अजीजुल्लाह की मेहनत व इरफान मलिक के बसपा में शामिल होने से यहां बसपा की ताकत अचानक बढ़ गई है। अजीजुल्लाह के समर्थक सलमान अहमद कहते हैं कि सपा ने यहां से निष्प्रभावी उम्मीदवार देकर बसपा की राह आसान कर दिया है। यहां भी बसपा का मुकाबला भाजपा से ही है। सपा केवल प्रतीकात्मक लड़ाई लड़ रही है। फिलहाल पहले दौर के चुनाव प्रचार में बसपा आगे दिख रही है।

नगर पंचायत शोहरतगढ़ के गठन के कुछ वर्षों बाद से ही यहां की सीट पर एक परिवार का कब्जा रहा है। यहां से पिछले कई चुनावों से हिंदु युवा वाहिनी के नेता सुभाष गुप्ता अथवा उनकी पत्नी बबिता कसौघन चुनाव जीतती रही हैं। सुभाष गुप्ता का गत वर्ष देहावसान हो गया तो इस बार उनकी पत्नी बबिता कसोधन फिर भाजपा प्रत्याशी बनी है। मगर अबकी उन्हें बसपा से तगड़ी चुनौती मिली है। इस बार नगर के प्रभवशाली मारवाड़ी समाज के मनोज मित्तल उन्हें बसपा प्रत्याशी के रूप में तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। सपा यहां से कभी चुनौती देने की हालत में नहीं रही। शोहरतगढ़ का इतिहास बताता है कि यहां भाजपा के मुकाबले अक्सर निर्दल प्रत्याशियों ने अपना दबदबा दिखाया है। मगर मनोज मित्तल ने पुराने समीकरण बदल दिये हैं। बहरहाल इन तीनों सीटों पर बसपा पूरी मजबूती से लड़ रही है।

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