नर्स है या डायन? प्रसव से तड़प रही महिला को रिश्वत न मिलने के कारण अस्पताल से भगा दिया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सरकार ने प्रसव के लिए अस्पताल आई महिला के लिए 1400 रुपये देने की पोलिसी बना रखी है, लेकिन जिले के नौगढ़ पीएचसी पर महिला नर्स ने 7700 की रिश्वत न मिलेने पर पीड़िता को अस्पताल से निकाल दिया। सरकारी आदेश के बावजूद नर्स अनामिका सिंह के इस कृत्य पर सवाल उठ रहा है कि वह नर्स है या डायन? इस घटना के जांच के आदेश सीएमओ द्धारा दे दिये गये हैं।
जानकारी के मुताबिक सदर तहसील के बसौनी गांव की पीड़िता रुकैया खतून पत्नी सोहराब अली रविवार सुबह प्रसव पीड़ा के चलते पीएचसी नौगढ़ पर आयी। उसकी देखभल में नर्स अनामिका सिंह लग गई। इलाज के क्रम में पहले उसने रुकैया का ब्लड टेस्ट बाहर से करवाया और उसकी फीस 7 सौ रुपये लिया। हालांकि सरकारी अस्पताल में इसका कोई शुल्क नहीं है। लेकिन पीड़िता की हालत खराब थी, सो परिजनों द्धारा समझाैता करना ही पड़ा।
बताया जाता है कि इसके बाद डिलीबरी कराने की बात आई तो उसने पीडिंता के पति सोहराब से 7 हजार रुपयों की मांग की। सरकारी अस्पताल में जहां, छिलीबरी कराने पर पीडिया को 1400 मिलते हैं, वहां उल्टे 7 हजार की मांग पर गरीब सोहराब की हालत खराब हो गई। रुपया देने से मजबूरी व्यक्त की और रिश्वत देने से अंकार कर दिया। बकौल पीडि०ता के पति, उसके पास उस वक्त रुपये भी नहीं थे।
रुपया देने से मजबूरी व्यक्त करने पर नर्स अनामिका ने रुकैया से अस्पताल छोड़ देने को कहा। मजबूरन सोहराब अपनी रोती बिलखती पत्नी रूकैया को मोटर साइकिल पर बैठा कर जिला अस्पताल ले गया। जहां समाचार लिखे जाने तक उसके प्रसव के लिए प्रयास जारी हैं। सोचने की बात है कि उस नर्स जो खुद ही महिला है , कि इस बेदर्दी से अगर कोई हादसा होता तो क्या होता?
फिलहाल महिला के पति ने मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देकर मामले की जांच और न्याय की मांग की है। दूसरी तरफ प्रभारी सीएमओ ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दे दिये हैं। उन्होंने कहा है कि जांच के आधार पर दोषी के खिलाफ कारर्वाई की जायेगी। फिलहाल एक महिला नर्स द्धारा दूसरी महिला के प्रति इस संवेदनहीनता की हर तरफ निंदा की जा रही है।