राष्ट्रीय राजमार्ग बना “यमराज मार्ग’, यहां नर्क भी दिखता है और मौत भी मिलती है
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राज मार्ग यानी नेशनल हाइवे 338 पर सफर करना नर्क के दर्शन और मौत से साक्षात्कार करना है। बस्ती से सिद्धार्थनगर जिले के सीमाई कस्बा ककरहवा बाजार में से सिद्धार्थनगर क्षे़त्र के लगभग ६० किमी हिस्से में नर्क ही नर्क है। साल में कम स कम ५० लोग तो इस सड़क पर दर्घटना में अपनी जान दे देते हैं फिर भी शासन का दिल नही नसीज रहा।
इस खबर में तीन फोटो दिये गये हैं। पहला फोटो जिला मुख्यालय के कलक्ट्रेट के सामने की सड़क का है। जिलाधिकारी जी रोज इस सड़क से गुजरते हैं, मगर कुछ कर पाने में मजबूर हैं। जब जिला काक्टर के नाक के नीचे की यह हालत है, तो बाकी जगहों पर हालत क्या होगी। दूसरी तस्वीर कक्ररहवा बाजार की है। जहां सड़क पर घुटनों तक पानी जमा है और तीसरी फोटो बर्डपुर कस्बे की है। जहां अब पैदल चलना दुश्वार हो गया है।
इस सड़क की हालत तो बस्ती तक तो ठीक है, लेकिन जैसे ही सिद्धार्थनगर में प्रवेश करिए, नर्क और गड्ढे रूपी यमराज से सामना हो जाता है। जनता के दबाव में सड़क को चलने लायक बनाने में मरम्मत के नाम मई में इस मार्ग पर ११ करोड रूपये खर्च कर दिये गये, लेकिन जुलाई में सड़क मरम्मत के बावजूद हालात उससे बदतर हो गये। जनता का कहना है कि यह सारा रूपया बंदरबांट का शिकार हो गया।
इस बारे में क्षेत्रीय सांसद जगदम्बिका पाल से पूछिये तो वह तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर बताते है कि सड़क निर्माण बरसात बाद शुरु हो जायेगा, लेकिन प्रशासन के लोगों से बात कीजिए तो अलग अलग जवाब देते हैं। इस मामले में स्थानीय निवासी व बुद्धिजीवी वी.के. मिश्र कहते हैं कि जिले की २७ लाख आबादी की फिक्र न सांसद जी को है न अफसरों को। पूरा जिला इस राजमार्ग से हलकान है, और सत्ता में बैठे लोग मुक दर्शक बने बैठे हैं।