नवोन्मेष सिद्धार्थनगर के नाटकों में साहित्य और मनोरंजन की जबरदस्त चाश्नी, अभी कई दिन मचेगा धमाल
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर के लोहिया प्रेक्षागृह में नवोन्मेष द्धारा मंचित नाटकों का जादू सर चढ़ कर बोल रहा है। सफरनामा और बौड़म नाटकों में साहित्य और मनोरंजन की जबरदस्त चाश्नी दिखी है। नाटकों का मंचन पांच दिन और चलेगा। यानी धमाल अभी जारी रहेगा।
14 नवम्बर को खेले गये नाटक अफसाना की कहानी साहित्यकार अमृता प्रीतम और इमरोज के चर्चित खतों पर आधारित थी। गरिमा माथुर, कृष्ण बोहरा, नेमिचंद मांकड़ और विश्वनाथ शर्मा के अभिनय ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया।
15 नवम्बर की शाम खेले गये नाटक बौड़म में संवेदनशीलता की इंतहा दिखी। 20 साल के एक युवक की जिंदगी के कुछ ऐसे पल पेश हुए जिसे देख कर कोई भी बौड़म बनना चाहेगा। क्यों कि इसमें सच बोलने, ईमान से जीने, निस्वार्थ मदद की भावना की प्रेरणा मिलती है।
नवोन्मेष संस्था के निदेशक विजित सिंह ने नाटकों के मंचन के लिए राजस्थान के कलाकारों की टीम भी बुलाया है। मंचन के दौरान प्रेक्षागृह में दर्शक समा नहीं पा रहे हैं।उनकी टीम के मुनीष ज्ञानी, राणा प्रताप सिंह आदि की व्यवस्था भी उत्तम है। बता दें कि नाटक के लिए कोई शुल्क नहीं है।
इस बारे में विजित सिंह का कहना है कि जिले में साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सरोकारों को मजबूत बनाना उनकी जिंदगी का मकसद है। सात दिवसीय नाटक उत्सव का यही उदृदेश्य भी है।
बताते चलें कि नवोन्मेष के नाटक अब प्रदेश में भी लोकपिय हो रहे हैं। हाल में लखनऊ में उनके नाटक ओ री चिरैया ने प्रदेश भर में नवोन्मेष को काफी मकबूलियत दिलाई है।