नेपाल बार्डर पर जाति धर्म से परे, इंसानियत की मदद के लिए आगे आ रहे लोग
सग़ीर ए ख़ाकसार
सिद्धार्थनगर।वैश्विक महामारी कोरोना से उपजी भयावह स्थिति के कारण बड़ी तादाद में मेहनत कश मज़दूरों का पलायन हो रहा है।भारत के बड़े शहरों में रोज़ी रोटी की तलाश में गए नेपाली नागरिक बड़ी तादाद में अपने देश लौट रहे हैं ।सिद्धार्थनगर के बढनी –कृष्णानगर (नेपाल) बॉर्डर से हज़ारों की तादाद में नेपाल के विभिन्न स्थानों पर जाने वाले नेपाली नागरिकों का तांता लगा हुआ है। इन ज़रूरतमंदों को प्रशासन ने उनके गंतब्य तक पहुंचाने का प्रबंध किया है।मुस्लिम समाज के नौजवानों ने भीषण गर्मी में ऐसे लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करवा कर समाज मे अनुकरणीय मिसाल पेश की है।
नेपाल आर्म्ड पुलिस के डीएसपी सुशील कुमार शाही ने बताया कि भारत से नेपाल आने वाले नागरिकों को ज़रूरी औपचारिकताएँ पूर्ण करने के बाद उनके गृह नगर भेजा दिया जाता है वहां सम्बंधित निकाय उनके क्वारन्टीन ,ठहरने,भोजन इत्यादि की समुचित व्यवस्था करता है।मुस्लिम समाज के डॉ अब्दुल हकीम ने बताया कि हमारी टीम ज़रूरत मंदों को भोजन,पानी,और ज़रूरी समान उपलब्ध करवा रही है।
अब्दुल हकीम ने कहा कि यह समय पूरी दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण है।सरकारें अपना काम कर रही हैं लेकिन एक ज़िम्मेदारी नेपाली नागरिक होने के नाते हम सब का यह फ़र्ज़ है कि हम जाति, धर्म ऊपर उठकर मानवता की सेवा करें। मुस्लिम समाज के अब्दुल मजीद,अब्दुल अलीम,अनीस अहमद, आदि के अलावा दर्जनों युवा भीषण गर्मी में राहत सामग्री बांटने में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं