नेपालः राजमहल में कंडों पर सिंक रही रोटी, रात में मोमबत्ती का सहारा
नज़ीर मलिक
भारत की तरफ से अघोषित नाकेबंदी की आंच अब नेपाल के शाही खानदान तक पहुंच गई है। नेपाल के महान राजा पृथ्वीशाह के वंशज आज अपने ही राजमहल में गोबर के कंडों पर खाना पकाने के लिए मजबूर हैं। रातें मोमबत्ती के सहारे कट रही हैं। यह खुलासा महारानी शशिप्रभा ने किया है। जिस मशहूर नारायणहिती महल की नेपाल में तूती बोलती थी, उसके वंशजों के सामने यह नौबत भी आएगी, इसकी कल्पना किसी ने भी न की होगी।
रानी शशिप्रभा पूर्व नेपाल नरेश बीरेन्द्र विक्रम शाह के मौसेरे भाई बसंत बिक्रम शाह की पत्नी हैं। उन्होंने अपना दर्द भारत के अवागढ़ स्टेट के पूर्व नरेश और अपने सगे भाई कुंअर नरेन्द्र सिंह को बताया है। उन्होंने कहा है कि नेपाल के हालात बदतर होते जा रहे हैं। लगातार जारी आर्थिक नाकेबंदी और आंदोलन के चलते ईंधन की भारी किल्लत है। तमाम कोशिशों के बावजूद गैस, डीजल, पेट्रोल नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा, महल में अक्सर कंडों पर रोटियां बनती हैं। बिजली कटने पर मोमबत्तियों के सहारे रात काटनी पड़ रही हैं।
नेपाली मीडिया में राजमहल की यह हालत सुर्खियों में है। शाही परिवार में अभी भी आस्था रखने वाले नेपाली नागरिक इससे अपमानित महसूस कर रहे हैं। नेपाली नागरिकों में भारत विरोधी मानसिकता तेज़ी से बढ़ रही है।
सूत्रों के मुताबिक शशि प्रभा ने अपने भाई से अनुरोध किया है कि वह भारत के प्रधानमंत्री तक नेपालियों के इस दर्द को पहुंचाएं और समाधान के लिए फौरन पहल करें। बताया जा रहा है कि कुंअर नरेन्द्र इस दिशा में प्रयासरत भी हो गये हैं।
बताते चलें कि नेपाल में लोकतंत्र आने के बाद वहां के नये शासन ने तत्कालीन नेपाल नरेश के सात राज महलों में से पांच को सरकारी सम्पत्ति घोषित कर दिया था। इनमें से एक महल नागार्जुन तत्कालीन नरेश ज्ञानेन्द विक्रम शाह को मिला था जबकि सौतिला महल में राजवंश के अन्य सदस्य रहते हैं। रानी शशिप्रभा दूसरे वाले महल में रह रही हैं।