नेपाल में फिर चलने लगीं खूनी हवाएं, हिसा के विरोध में सड़क पर उतरा मधेशी समाज
सगीर ए खाकसार
सिद्धार्थ नगर। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में सप्तरी गोलीकांड के विरोध में मधेसियों की अभूतपूर्व बंदी रही।मंगलवार और बुधवार को सम्पूर्ण मधेस क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।यातायात,सरकारी कार्यालय,शिक्षण संस्थान,आदि बंद रहे।उधर वीर गंज में मधेसियों और व्यापारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हुई।जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।सीमा पर बंदी से वाहनों की लंबी कतार लग गयी। नेपाल जाने वाले वाहन भारतीय सीमा में ही फंसे रहे।
जानकारी के मुताबिक नेपाल के तौलीहवां, चंरौटा, बहादुरगंज, खरेंद्रपुर, वीरगंज, महाराजगंज, कृष्ण नगर, धनुषा, जलेस्वर बाग़, महोत्तरी, कलैया, आदि जगहों पर मधेसी कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।कई जगहों पर गृहमंत्री का पुतला भी फूंका गया।बहादुरगंज क्षेत्र में युवा मधेसी नेता रजत प्रताप शाह ने अपने सहयोगियों राहुल सिंह,कृष्ण गुप्ता सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
संघीय समाजवादी फोरम, संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेसी मोर्चा के अलावा कई अन्य मधेसी संगठनों का ब्यापक समर्थन बंद को मिला।मधेसी नेता रजत प्रताप शाह ने कहा कि मधेसियों की सुनियोजित ढंग से हत्या की जारही है।सब्र की भी इन्तहा होती है।श्री शाह ने कहा कि मधेसी समाज अब जुल्म बर्दाश्त नहीं करेगा। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए सरकार हरकत में आ गयी है।सप्तरी गोलीकांड में पुलिस फायरिंग में मारे गए मधेशी कार्यकर्ताओं के परिवार को 10 लाख रूपये मुआवज़ा तथा घायल लोगों का मुफ्त सरकारी इलाज़ की घोषणा की है।
यही नहीं सरकार ने घटना की जाँच के लिए एक जाँच आयोग का भी गठन कर दिया है।बताते चले नेकपा एमाले ने मेची से महाकाली अभियान के तहत 15 दिवसीय एक यात्रा की शुरुआत की है।सप्तरी में कार्यक्रम के दौरान नेकपा एमाले और मधेसी मोर्चा के बीच झड़प के दौरान पुलिस फायरिंग में चार मधेसियों की मौत हो गयी थी और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे।