भारतीय महिला से शादी के कानून को लेकर नेपाली सत्तारूढ़ दल में बगावत

June 27, 2020 12:57 PM0 commentsViews: 278
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। नेपाल में नए नागरिकता कानून को लेकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दो सांसद बगावत पर उतर आए हैं।  नेपाली पुरुषों द्वारा विदेशी महिलाओं के साथ  शादी करने के बाद नेपाली नागरिकता प्राप्त करने के संबंध में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी सरकार द्वारा बनाए गए कानून की मुखालफत धीरे धीरे नेपाल में व्यापक होती जी रही  है। याद रहे कि नेपाल सरकार ने नागरिकता के संबंध में एक ऐसा कानून बनाया है जिसके तहत भारत की ऐसी बेटियां जो नेपाली पुरुषों से शादी करती हैं, उन्हें शादी के 7 साल बाद ही नेपाली नागरिकता मिल सकेगी

 सत्तारूढ़ दल में बगावत के सुर

नेपाल सरकार के इस फैसले से नेपाल के मधेशी समुदाय में सरकार के प्रति नाराजगी है। जिसे लेकर   नेपाल के के.पी. ओली के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ दल के कुछ लोगों ने बगावत शुरू कर दिया है। कहा जाता है कि इस विवादास्पद नागरिकता कानून के विरोध में  नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो मधेशी सांसदों और पूर्व मंत्री मातृका यादव और प्रभु साह ने अपनी ही पार्टी और अपने ही सरकार के खिलाफ बगावत का मोर्चा खोल दिया है।

 नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने भारतीय विवाहित महिलाओं को शादी के 7 साल बाद नागरिकता देने के कानून के फैसले को आगे बढ़ाते  संसदीय समिति से बहुमत से पारित कर दिया है।  नेपाल की विपक्षी पार्टियों की तमाम दलीलों और विरोधो को खारिज करते हुए नेपाल सरकार की सत्तारूढ़ दल ने नागरिकता संबंधी विवादास्पद कानून बनाने की प्रक्रिया को आगे बढा दिया है।

सांसकृतिक संबंधों पर पड़ेगा असर

इस कानून के खिलाफ नेपाल में विरोध-प्रदर्शन भी  शुरू हो गया है। नेपाल की संसदीय समिति की बैठक में नेपाल के प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस पर विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया। संसदीय समिति में बोलते हुए नेपाली कांग्रेस के सांसद दिलेन्द्र प्रसाद बडु ने कहा कि यह संवैधानिक विषय होने के साथ-साथ हमारे पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रिश्तों पर इसका सीधा असर पडने वाला है। इतना ही नहीं इस कानून का असर पूरे देश पर पड़ सकता है।

नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी भी भड़की

संसदीय समिति की बैठक में नेपाल के प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस पर विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया। इसलिए पूरी जिम्मेदारी के साथ और गंभीरतापूर्वक इस विषय को सोच  समझ कर विवादास्पद नागरिकता कानून बनाए जाने का विरोध करते हुए रविवार को कई स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। युवाओं ने सड़कों पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतले जलाए।

नये कानून से भारत का अहित

उधर, सत्तारूढ़ दल में ही विवादास्पद नागरिकता कानून के विरोध में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो मधेशी सांसदों और पूर्व मंत्री मातृका यादव और प्रभु साह ने अपनी ही पार्टी और अपने ही सरकार के खिलाफ बगावत का मोर्चा खोल दिया है। उल्लेखनीय है कि भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का संबंध अर्से से कायम है। भारत के सरहदी इलाके के बहुत से लोगों का सबंध नेपाल के लोगों के यहां रहा है।  बताया जाता है कि छोटे-बड़े, मध्यम अर्थात लगभग सभी वर्गों के लोगों की रिश्तेदारी पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल  नागरिकों से होती रही है। जिनका इस नये कानून से भारत का बड़ा अहित होने वाला है।

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