नेपाल की पहाड़ियों के शैलाब से है खतरा, राप्ती सहित सभी नदियां लाल निशान के करीब

July 15, 2017 10:43 AM0 commentsViews: 257
Share news

अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। पिछले अड़तालिस घंटे से बारिस न होने के बाद भी मुख्य नदियों में शुमार राप्ती व बूढ़ी राप्ती सहित सभी नदियां खतरे के निशान पर या निशान के पास से बह रही हैं। बढ़ते जलस्तर को देख प्रशासन अलर्ट हो गया है। बांधो के आसपास निगरानी व राहत और बचाव कार्य जारी हो गया है।

हम आपको बता दें कि यदि नेपाल के पहाड़ियों में बारिस हुई तो जिले में स्थापित बानगंगा बैराज चंद लमहों में ही भर जाएगी और जिले में तबाही मचाने को आतुर हो जाएगी। हलां कि जिम्मेदार इससे निपटने के लिए तैयारियाँ तेज कर दिए हैं।

नदियों के किनारे बसे राजस्व गांव भवारी, टडवल घाट, फूलपुर, सरयूडीह, मुदिलराजा, दतरंगवा, कल्लू डीह, मसिना, धनौरा जैसे सैकड़ो गांवों में रहने वाले वासिंदे सहमे सहमे से है।

ड्रेनेज खंड के मुताबिक शुक्रवार की शाम को बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान 85.650 मीटर के सापेक्ष 84 मीटर, राप्ती 84.900 के सापेक्ष 84 मीटर, कूड़ा 83.520 के सापेक्ष 81.850 मीटर, बानगंगा बैराज पर लाल निशान 93.400 के सापेक्ष 90.40 मीटर पर बाह रही है।

इसके अलवा घोंघि नदी 87.000 के सापेक्ष 85.60 मीटर, तेलार नाला 87.500के सापेक्ष 84.50 मीटर और जमुआर नाला 84.89 के सापेक्ष 82.03 मीटर पर बह रही है।

राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर के साथ ही अन्य नदियों के खतरे के निशान के पास ही बहने से प्रशासन की नींद हराम है। जिम्मेदार विभाग चप्पे चप्पे पर अपने कर्मचारियों को लगाया है और पल पल की रिपोर्ट से अवगत हो रहे हैं।

जिलाधिकारी कुड़ाल सिल्कू ने बताया कि ड्रेनेज खंड के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता सहित उप जिलाधिकारियों व तहसीलदारों को अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर वास्तविक स्थिति पर नजर रखते हुए राहत व बचाव को लेकर सतर्क रहने के लिए निर्देशित किया गया है।

Leave a Reply