…तो जमील सिद्दीकी हैं समाजवादी पार्टी के नये मुस्लिम सितारे
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इसी के साथ सिद्धार्थनगर ज़िले में समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा कौन होगा, यह दुविधा भी खत्म हो गई। ज़िले की राजनीति में पूरी ताकत से एंट्री करने वाले नौजवान नेता जमील सिद्दीकी के नाम पर मुहर लग चुकी है। मुसलमानों का फ्रंट अब वही संभालेंगे। जमील सिद्दीकी ने यह मुकाम अपनी मेहनत, ताक़त और काबिलियत से हासिल किया है।
समाजवादी पार्टी में विधायक कमाल यूसुफ मलिक के पार्टी छोड़ने के बाद पूर्व विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष मुहम्मद सईद भ्रमर ने भी खुद को समेटना शुरू कर दिया है। ऐसे में मुस्लिम फ्रंट की जगह खाली हो गई थी। अच्छी बात यह है कि बिना गैप किए इसकी कमान एक युवा नेता को मिल गई है।
सिद्धार्थनगर नगर पालिका अध्यक्ष जमील सिद्दीकी के अलावा सपा नेता अफसर रिजवी और ताकीब रिजवी ही मुस्लिम चेहरे हैं। इनमें अफसर रिजवी का जनाधार बहुत सीमित है। पार्टी के महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहने के बावजूद वह जिला पंचायत सदस्य चुनाव बुरी तरह हार गए।
जहां तक ताकीब रिजवी का सवाल है, वह कई बार दल बदल कर अपनी समाजवादी प्रतिबद्धता की साख गंवाचुके हैं। वैसे भी वह पार्टी में मुस्लिम चेहरा बनने के लिए कभी प्रतिबद्ध नहीं दिखे।
जहां तक जमील सिद्दीकी का सवाल है, उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर मुख्य धारा तक के 20 सालों के सियासी सफर में सपा का दामन कभी नहीं छोड़ा। पार्टी के आंदोलनों में कमोबेश सबसे आगे रहे। कई बार कमान भी संभाली।
विधायक कमाल यूसुफ के सपा छोड़ने के बाद इस नौजवान ने अपनी मेहनत के बल पर मुसलमानों में अपनी साख बढ़ाई है। यही नहीं उन्होंने पार्टी से मुसलमानों को जोड़ने का काम जारी रखा। इस बार ब्लॉक प्रमुख चुनावों में बड़े भाई को ब्लॉक प्रमुख बनवाकर उन्होंने अपनी ताकत में और इजाफा किया है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राम चन्दर यादव कहते हैं कि जमील आज सपा के एक मात्र मुस्लिम चेहरे हैं। पार्टी को अब उनके लिए किसी विधानसभा सीट का इंतजाम करना होगा। इसमें कोई शक नहीं कि 33 फीसदी मुस्लिम मतदाता उनके लिए बाहें खोलकर खड़े हैं।