नोटबंदी से किसान तबाह,रबी बुआई के लिए मचा हाहाकर
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। जिले में नोटबंदी का असर किसानों पर भी पड़ना शुरू हो गया है। रबी फसल की बुआई प्रभावित हो रही है। कुछ क्षेत्रों में किसानों ने बुआई तो कर दी है, मगर खाद न डाल पाने के कारण फसलें मुरझाने लगी है। जिससे किसनों के चेहरे हवाईयां गुम हो गयी है।
8 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच सौ, एक हजार के नोटबंदी का फरमान जारी किया था, जिसका असर अब सीधे-सीधे किसानों पर पड़ने लगा है। पहले तो किसानों में पांच सौ और हजार का नोट बैंक में जमा कर दिया। अब जब खाद आदि के लिए पैसे की आवश्यकता महसूस हूई तो किसानों का सारा समय बैंकों में लाइन लगाने में बीत जा रहा है।
कई किसानों को तो लाइन लगने के बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों की रबी की फसल पर खाद की कमी का संकट पैदा हो गया है। ग्राम दतरंगवा के मारूफ अली, रामगुलाम, हरिहर आदि का कहना है कि अब जब कि खेतों में खाद डालने का समय है, तो उनके हाथ में नकदी नहीं है। जो जमा पूंजी थी, वह बैंकों में है। जहां आये दिन लाइन लगाने के बाद भी उन्हंे निराशा हाथ लग रही है। ऐसे में उनकी फसल फूटने से पहले ही बर्बाद हो जा रही है।
कुछ किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री जितनी घोषणाए कर रहे हैं। किसी को अमली जामा नहीं पहनाया जा रहा है। ऐसे में वह क्या करें उनकी समझ में नहीं आ रहा है।
इस बारे में केनरा बैंक के शाखा प्रबन्धक का कहना है कि अभी तक किसानों को राहत देने की जितनी भी घोषणाए हुई है। आरबीआई की ओर से कोइ निर्देश नहीं आया है। ऐसे में जिनता निर्देश मिला है। उसी के मुताबिक काम किया जाना है।