एक अकेली सब पर भारी, भाजपा की सरोज शुक्ला ने तोड़ा दिग्गजों का वर्चस्व
सोनू खान
सिद्धार्थनगर। मनी पावर और मसलस् पावर से विहीन एक अकेली सरोज शुक्ला सब पर भारी पड गईं।उस्का बाजार विकास खंड के राजनैतिक रूप से प्रसिद्ध गांव करमा शुक्ल में भारतीय जनता पाटी की इस नेता ने कई सियासी दिग्गजों का वर्चस्व तोड़ते हुए जीत हासिल की है।
बडे बउे घरोनों के बीच अकेली अभिमन्यु की तरह घिरी सरोज ने 557 वोट पाकर शक्तिशाली गौरशंकर पांडेय की बहू निशा पांडेय को हराया है। निशा को 375 मत मिले। निशा के घराने में ही पिछले बीस साल से प्रधान पद रहा था। वह भाजपा की कोई बडी नेता तो नहीं हैं, मगर जमीनी पकड ने उन्हें बडी नेता जरूर साबित किया है।
सरोज के मुकाबले 384 मत पाकर दूसरे नम्बर पर रहने वाली कुसमावती शुक्ला भी पूर्व प्रधान कमला शुक्ल की पत्नी है। कमला शुक्ल गांव के प्रतिष्ठित घराने के ही नहीं, राजनैतिक रूप से भी काफी मजबूत मामने जाते रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक ईश्वरचंद शुक्ल भी इसी गांव के हैं। जाहिर है उनका राजनैतिक विरोध भी सरोज के साथ था। लेकिन इस महिला ने अकेले दम पर सभी दिग्गजों को चित्त कर दिया।
गौर तलब है कि पहले चरण में मतदान के समाप्त होते ही सरोज पर हमला भी हुआ। तमाम चोट खाकर वह अस्पताल में दाखिल हुईं, लेकिन उनके खिलाफ सारे प्रयत्न बेकार रहे। अन्ततः विजयश्री उन्हें ही मिली।
अपनी जीत पर सरोज ने कहा है कि वह जीत गई हैं। उनका किसी से बैर नहीं है। वह विकास का काम करेंगी। इसमें रोड़ा अटकाने वालों का विरोध वह जरूर करेंगी। उनकी जीत पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने उन्हें बधाई दी है।