मुख्य मंत्री जी! फायर सर्विस बदहाल है, हाईडेंट खराब, पोखरे सूखे हैं, कैसे हो आग पर काबू?
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। तेज हवाओं के झोंकों ने पिछले पन्द्रह दिनों में जनपदवासियों को जो जख्म दिए है, वह काफी दिनों तक हरे रहेंगे। 20 हजार बीघा से अधिक की फसल जल गयी। दर्जनों लोगों का घर राख का ढेर बन गया। आठ जिंदगियां काल के घर में समा गयीं, मगर इन सबके बीच जनता के मन यह सवाल कौंध रहा है, कि अखिर इस जनपद में आग पर काबू पाने के संसाधनों की कमी कब दूर होगी।
जानकारी के मुताबिक सिद्धार्थनगर की आबादी 27 लाख के करीब है। इन्हें आग की घटनाओं से महफूज रखने के लिए 4 बड़ी दमकल एवं 5 छोटी गाड़ियां उपलब्ध हैं। इसके अलावा जनपद मुख्यालय समेत हर तहसील मुख्यालयों के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर हाईडेंट लगाये गये हैं। सिर्फ जनपद मुख्यालय पर दर्जन भर हाईडेंट हैं। यह अलग बात हैं कि इनमें से ज्यादातर बेपानी है।
इसके अलावा गांवों के पोखरे सूखें पड़े हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दमकलों में पानी भरना हो तो वह कहां जायेंगे?आग और पानी की कमी से जिले में हाहाकार मचा है। इससे फायर सर्विस को दुरुस्त करने की आवश्यकता शिददत से महसूस होने लगी है।
आम नागरिक जिलाधिकारी का ध्यान गांवों में स्थित पोखरों को भरवाने की ओर दिला रहा है। डा. ओम प्रकाश श्रीवास्तव, सर्वेन्द्र मिश्रा, विंदवासिनी वर्मा, भवानी शंकर त्रिपाठी, सनी दूबे, के.के. श्रीवास्तव आदि का कहना है कि वर्तमान में अगर गांवों के पोखरों में पानी भरवा दिया जाये, तो फायर सर्विस के पहुंचने के पहले ग्रामीण अपने दम पर ही आग पर काबू पा सकते हैं।