निकाय चुनावः भाजपा में टिकट के लिए घमासान, नेताओं के लिए चयन टेढ़ी खीर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय की नगरपालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का चयन करना भारतीय जनता पार्टी के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है। लगभग एक दर्जन टिकट के दावेदारों में किसके नाम पर मुहर लगेगी, कहना मुश्किल है। सभी धुरंधरों में सिकंदर बन कर कौन उभरेगा, इये लेकर तमाम तरह की कयासबाजियां जारी हैं।
वर्तमान में सिद्धार्थनगर नगरपालिका से भाजपा के अध्यक्ष पद के लगभग एक दर्जन दावेदार है। इनमें पत्नी समेत तीन बार अध्यक्ष पद का किला फतह कर चुके घनश्याम जायसवाल और गत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे संजय सिंह प्रमुख् है। संजय सिंह गत चुनाव में चौथे स्थान पर रहे थे, जबकि घनश्याम जाययवाल ने निर्दल चुनाव लड़ कर तीसरा स्थान हासिल किया था।
इस बार इन दोनो पूर्व प्रत्याशियों के समक्ष श्याम बिहारी जायसवाल, विनीत सिंह, प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव ने जबरदस्त चुनौती पेश की है। बबलू श्रीवास्तव भी जोर आजमाने में पीछे नहीं है। इसके अलावा और भी कुछ लोग पर्दे के पीछे से अपनी बिसात बिछा रहे है। बता दें कि श्याम बिहारी गत चुनाव में भाजपा विरोधी खेमे से लड़ कर दूसरे नम्बर पर रहे थे। इसलिए वह भी मजबूत दावेदारों में हैं। वह घनश्याम जायसवाल के सगे भाई भी हैं।
सूत्रों का कहना है कि जिला स्तर पर पांच दावेदारों में विचार किया जा रहा है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि टिकट पर अखिरी मुहर लखनऊ से ही लगेगी। इसलिए कई दावेदार गणेश परिक्रमा के लिए लखनऊ भी लगे हुए है। लखनऊ भाजपा कार्यलय में घनश्याम जायसवाल की अच्छी पकड़ है। संजय सिंह भी वहां प्रभावशली भूमिका में हैं। दोनों ही टिकट की दौड़ में आगे हैं। इसके अलावा श्याम बिहारी जायसवाल ने भी भाजपा में अपने सम्पर्क बेहतर बनाया है।
दरअसल भाजपा में सक्षम दावेदारों की भीड़ ही चयन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है। किसे टिकट दें, किसका काटे, यह अहम सवाल बना हुआ है। वैसे सूत्रों का कहना है कि आने वाले 72 घंटे भाजपा टिकट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। अंतिम चरण में दावेदारों में से जिसका जैक लखनऊ में काम करेगा, टिकट उसी का होगा। अब देखना यह है कि इन धुरंधरों में बाजी किसके हाथ लगती है।